विवादों के बीच पंकजा मुंडे ने की विशाल रैली का आयोजन
भगवानगढ़ की दशहरा रैली को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे ने बहन प्रीतम मुंडे के साथ अहमदनगर में बड़ी रैली की। इस रैली में अलग-अलग जिलों से आए तकरीबन 8 लाख वंजारा समाज के लोग शामिल हुए थे।
पुणे। भगवानगढ़ की दशहरा रैली को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे ने बहन प्रीतम मुंडे के साथ अहमदनगर में बड़ी रैली की। इस रैली में अलग-अलग जिलों से आए तकरीबन 8 लाख वंजारा समाज के लोग शामिल हुए थे।
पंकजा ने किया शक्ति प्रदर्शन
सभा से पहले प्रीतम मुंडे ने एक हजार गाड़ियों के साथ बीड से भगवानगढ़ तक रैली निकाली। इस दौरान हजारों समर्थक रास्ते में उनके साथ जुड़े। इससे पहले पंकजा हेलीकाप्टर से मंदिर तक पहुंची। वहां मौजूद हजारों लोगों के साथ पंकजा ने भगवान बाबा के दर्शन किए। पंकजा के साथ उनके पति अमित पलवे, पिछड़ा वर्ग से आने वाले नेता राजू शेट्टी, महादेव जानकार, सदभाऊ खोत और राम शिंदे भी थे। मंदिर में पूजा के दौरान पंकजा ने महंत से मुलाकात नहीं की। महंत पंकजा की इस रैली का विरोध कर रहे थे। पंकजा की इस रैली का सपोर्ट करते हुए पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने कहा कि, "मैं पंकजा ताई के साथ हूं, यह शक्ति प्रदर्शन नहीं भक्ति प्रदर्शन है।".
रैली को देखते हुए भारी मात्रा में पुलिसबल इलाके में तैनात किया गया था। अहमदनगर-बीड के बॉर्डर पर आयोजित इस रैली को पंकजा के शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है। तकरीबन 8 लाख लोगों ने एक स्वर में पंकजा और प्रीतम मुंडे के समर्थन का ऐलान किया।
क्या है पूरा विवाद
अहमदनगर जिले के भगवानगढ़ पहाड़ी पर हर साल वंजारा समुदाय एक बड़े मेले का आयोजन करता है। यहीं भगवान बाबा का मंदिर है। पंकजा वंजारा कम्युनिटी से ही हैं। वो चाहती हैं कि मेले में वो बड़ी रैली करें। नामदेव इसका विरोध कर रहे हैं। उनके मुताबिक, भगवान बाबा मंदिर ट्रस्ट है। इसलिए यहां राजनीतिक भाषण नहीं हो सकता। शास्त्री ने कहा, “पंकजा बेटी जैसी है। उन्हें यहां आने के लिए इजाजत की जरूरत नहीं। आम भक्त की तरह वो भी यहां आ सकती हैं।
पंकजा के दिवंगत पिता गोपीनाथ मुंडे हर साल दशहरे पर भगवानगढ़ के मेले में भाषण देते थे। वंजारा कम्युनिटी से जुड़े कुछ संगठन पंकजा से भी यही चाहते हैं।
क्या है ऑडियो क्लिप में ?
महंत ने पंकजा से बातचीत की एक ऑडियो क्लिप जारी की है। जिसमें पंकजा मंहत को पहले की कई आर्थिक मदद याद दिला रही हैं। क्लिप में पंकजा कहते सुनाई देती हैं, “ मैंने अपने लोगों से कहा है कि हम 11 अक्टूबर तक लड़ाई नहीं लड़ना चाहते हैं। मैं आप लोगों को खरीद सकती हूं लेकिन ऐसा करना नहीं चाहती। जो कुछ भी अतीत में मैंने आपको दिया है। आपने मांगा और मैंने दिया। अब आपको एक रुपया नहीं दूंगी। हमें दशहरा समारोह करवाना है। हम अपनी ओर से कुछ भी गलत नहीं करना चाहते।
महंत बोले, पंकजा बेटी की तरह
शास्त्री कहते हैं कि अब तक उन्होंने पंकजा को बेटी की तरह माना है, लेकिन जिस तरह से वो धमका रही हैं। उससे उनको सदमा लगा है। पंकजा सत्ता का दुरुपयोग ना करें। पंकजा मेले में सभा करने पर अड़ी हुई हैं। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, "मैं दशहरे के दिन भगवानगढ़ आ रही हूं, आप आ रहे हैं न।
कभी मुंडे परिवार के करीब थे शास्त्री
नामदेव शास्त्री दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे के बहुत करीबी रहे हैं। मुंडे उन्हें अपना गुरु भी कहते थे। गोपीनाथ ने कई बार इस मंदिर ट्रस्ट को आर्थिक मदद दी। उनकी मौत के बाद भतीजे धनंजय मुंडे ने बगावत कर दी और वे एनसीपी में चले गए। इसके बाद महंत नामदेव धनंजय मुंडे के करीब हो गए और पंकजा मुंडे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कुछ लोग मान रहे हैं कि ऑडियो क्लिप जारी होने के पीछ धनंजय का हाथ है।