मंत्रिमंडल की 28 बैठकों में सबसे ज्यादा गैरहाजिर रही पंकजा मुंडे
मानसून सत्र के दौरान चिक्की घोटाले की वजह से विपक्ष के निशाने पर रहीं महिला व बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे अब मंत्रिमंडल की बैठकों में गैरहाजिर रहने को लेकर सुर्खियों में है।
पुणे, मुंबई। मानसून सत्र के दौरान चिक्की घोटाले की वजह से विपक्ष के निशाने पर रहीं महिला व बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे अब मंत्रिमंडल की बैठकों में गैरहाजिर रहने को लेकर सुर्खियों में है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली जानकार के अनुसार पंकजा मंत्रिमंडल की 28 में से 9 में अनुपस्थित रही हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मंत्रिमंडल की बैठक और मंत्रियों की उपस्थिति के बारे में आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी। इसके तहत मुख्य सचिव कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 11 दिसंबर 2014 से जून 2015 के बीच मंत्रिमंडल की कुल 28 बैठकें हुई। इन 28 बैठकों में सबसे अधिक 9 बार गैरहाजिर रहने वाली मंत्री पंकजा मुंडे हैं। उनके बाद लोकनिर्माण मंत्री एकनाथ शिंदे (शिवसेना) 7, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. दीपक सावंत (शिवसेना) 6, वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार (भाजपा) 6, सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले (भाजपा) 5,आवास मंत्री प्रकाश मेहता (भाजपा) 4, पर्यावरण मंत्री रामदास कदम (शिवसेना) 4, उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री विनोद तावडे (भाजपा) 3, राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे (भाजपा) 3 और ऊर्जा मंत्री चंद्रशेकर बावनकुले (भाजपा) 3 बैठके में हाजिर नहीं थे। हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और जल आपूर्ति मंत्री बबनराव लोणीकर मंत्रिमंडल की सभी बैठकों में उपस्थित थे।
आरटीआई में भी इन सवालों का नहीं मिला जवाब!
मंत्रिमंडल की कितनी बैठक में अनुपस्थित रहने पर मंत्री पद रद्द होता है? इस प्रकार की जानकारी भी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मांगी थी। मगर मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कितनी बैठकों में लगातार हाजिर नहीं होने पर मंत्रिपद रद्द होता है। इस प्रकार का कोई नियम नहीं है। इसी तरह जब मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रिमंडल की बैठक में अनुपस्थित रहने वाले मंत्रियों को चेतावनी देने की जानकारी मांग गई, तो इस प्रकार की जानकारी उपलब्ध नहीं होने की बात कही गई।