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Malegaon 2008 blast case: आरोपी समीर कुलकर्णी को उनकी आवास पर दी गयी सुरक्षा

Malegaon 2008 blast case मालेगांव ब्‍लास्‍ट मामले में आरोपी समीर कुलकर्णी को उनके पुणे स्थित आवास पर सुरक्षा उपलब्‍ध करवायी गयी है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 12:01 PM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 12:52 PM (IST)
Malegaon 2008 blast case: आरोपी समीर कुलकर्णी को उनकी आवास पर दी गयी सुरक्षा
Malegaon 2008 blast case: आरोपी समीर कुलकर्णी को उनकी आवास पर दी गयी सुरक्षा

मुंबई, एएनआइ। मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी में से एक समीर कुलकर्णी को पुणे के पिंपरी-चिंचवाड़ स्थित उनके आवास पर आज से सशस्त्र सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराया गया है। मालेगांव ब्लास्ट के आरोपियों से एक समीर कुलकर्णी ने 11 मई 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की थी। समीर कुलकर्णी को अक्टूबर 2017 में जेल से रिहा कर दिया गया था। हालांकि उन्होंने किसी भी प्रकार के जान के खतरे से इंकार किया था, लेकिन फिर भी तत्काल आधार पर महाराष्ट्र सरकार से सुरक्षा के लिए अनुरोध किया था। 

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गौरतलब है कि आरोपी समीर कुलकर्णी को सितंबर 2008 में हुए मालेगांव में हुए धमाके तुरंत बाद हिरासत में ले लिया गया था। आरोपी समीर कुलकर्णी पर आरोप था कि उसने मालेगांव धमाके में प्रयोग किए गए बम के लिए केमिकल उपलब्ध करवाया था। इसके अलावा उस पर आरोप था कि उसने इंदौर और भोपाल में धमाका करवाने के लिए प्लानिंग में भी सहयोग दिया था। 

मालेगांव धमाके से जुड़ी अहम बातें

- 29 सितंबर 2008 को हुए मालेगांव धमाके में चार लोगों की मौत हो गई थी और 79 लोग घायल हो गए थे। नासिक  के मालेगांव  में शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट कंपनी के पास यह धमाका हुआ था। यहां खड़ी एक मोटरसाइकिल में विस्फोटक पदार्थ छिपाकर रखा गया था।

-धमाके के बाद इसकी जांच की जिम्मेदारी महाराष्ट्र एटीएस को सौंपी गई थी। एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे (26/11 मुंबई आतंकी हमले में शहीद हो गए) ने इसकी जांच शुरूकी तो मोटरसाइकिल मालिक की जांच उन्हें सूरत तक ले गई। यहीं से एटीएस के हाथ साध्वी प्रज्ञा ठाकुर तक पहुंच गये।

- इसी क्रम में कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित और रिटायर मेजर रमेश उपाध्याय भी हिरासत में लिए गये। धमाके में अभिनव भारत संगठन की तरफ भी उंगलियां उठीं। इनमें से कुछ लोगों के नाम मालेगांव 2006 जैसीअन्य घटनाओं में भी सामने आये। 

-महाराष्ट्र एटीएस ने मुंबई की विशेष मकोका अदालत में 20 जनवरी 2009 और 21 अप्रैल 2011 को 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जिनमें से आठ लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जबकि चार को जमानत मिली। इनके अतिरिक्त दो आरोपी गिरफ्त से बाहर थे। 

- 13 अप्रैल 2011 को गृह मंत्रालय के निर्देशों पर यह मामला महाराष्ट्र एटीएस से एनआईए को सौंप दिया गया।

- एनआईए 13 मई 2016 को सबूतों के अभाव में अपनी चार्जशीट में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और पांच अन्य के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए। 

- विशेष एनआइए कोर्ट ने 28 जून 2016 को इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। जबकि इससे एक महीने पहले ही जांच एजेंसी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।

- बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 अप्रैल 2017 को साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को सशर्त जमानत दे दी थी। उन्हें अपना पासपोर्ट एनआइए के पास जमा करवाने और पांच लाख रुपये की जमानत राशि देने का भी आदेश दिया था।  इसके अलावा साध्वी प्रज्ञा को ट्रायल कोर्ट में तारीखों पर उपस्थित होने का भी निर्देश दिया था।

- मुंबई की एक विशेष कोर्ट ने 2008 में 30 अक्टूबर 2018 को हुए मालेगांव बम धमाका मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और पांच अन्य के खिलाफ आतंकी गतिविधियों, आपराधिक साजिश, हत्या व अन्य धाराओं में आरोप तय किये थे।

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- आरोपी समीर कुलकर्णी ने 11 मई 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की थी। 

- मुंबई की विशेष एनआइए कोर्ट ने 20 जून 2019 को साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की हफ्ते में एक बार हाजिर होने को लेकर छूट की मांग को खारिज किया था।

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