10 घंटे के हिंसक बंद से बेहाल महाराष्ट्र
सोमवार को दलितों एवं मराठों के संघर्ष के बाद बुधवार को राज्यव्यापी बंद के दौरान नांदेड़ में एक नाबालिग योगेश प्रह्लाद जाधव की मौत हो गई।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। पुणे में हुई दलित-मराठा झड़प के बाद भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर की ओर से आहूत महाराष्ट्र बंद ने बुधवार को लगातार दस घंटे सूबे के बड़े हिस्से को बेहाल रखा। नांदेड़ में हिंसक प्रदर्शन के बीच एक नाबालिग की मौत की खबर है। बंद के दौरान मुंबई सहित कई हिस्सों मे तोडफ़ोड़ भी हुई। अकेले मुंबई में 90 बसें तोडफ़ोड़ का शिकार हुईं। हिंसक घटनाओं में चार प्रदर्शनकारी घायल हुए। चार पुलिस वाले भी पथराव में घायल हुए। विमान सेवाओं से लेकर रेल और सड़क यातायात बाधित किए गए।
सोमवार को दलितों एवं मराठों के संघर्ष के बाद बुधवार को राज्यव्यापी बंद के दौरान नांदेड़ में एक नाबालिग योगेश प्रह्लाद जाधव की मौत हो गई। उसके परिजनों का आरोप है कि उसकी मौत पुलिस के सड़क खाली कराने के दौरान किए लाठीचार्ज से हुई है। महाराष्ट्र में 32 जेट और एक इंडिगो की मिलाकर कुल 33 उड़ानें भी रद हुईं। मुंबई समेत राज्य के कई शहरों में बसों पर हमले हुए, ट्रेनों को रोका गया और विभिन्न स्थानों पर सड़कों को जाम कर दिया। हालांकि शाम पांच बजे बंद वापस ले लिया गया।
सरकार की सतर्कता के कारण पूरे महाराष्ट्र में सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त थे। इसके बावजूद शुरू में शांतिपूर्ण दिख रहा बंद सुबह 11 बजते-बजते कई स्थानों पर हिंसक हो उठा। मुंबई में मध्य, पश्चिम एवं हार्बर लाइन की लोकल रेल सेवाएं करीब चार घंटे ठप रहीं। दलित कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह नाकेबंदी कर वाहनों की आवाजाही रोक दी। पवई, विक्रोली, घाटकोपर विशेष तौर पर प्रभावित रहे। इन इलाकों में कई वाहन भी तोडफ़ोड़ का शिकार हुए। तोडफ़ोड़ से पुलिस के वाहन भी नहीं बच सके। लेकिन पुलिस अपनी तरफ से बल प्रयोग करने से बचती रही।
पुलिस के मुताबिक चेंबूर, घाटकोपर, दिनदोशी, कांदीवली, जोगेश्वरी, कालानगर और माहिम में भी दलितों ने प्रदर्शन किए। ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे बुधवार को भी करीब पांच घंटे बंद रहा। बंद की गिरफ्त में लगभग पूरी मुंबई नजर आई। इस बंद को ऑटो-रिक्शा यूनियन सहित मुंबई के कई संगठनों का भी समर्थन प्राप्त था।
पुणे, नागपुर, नासिक, औरंगाबाद, अहमदनगर में भी बंद का असर
मुंबई के बाहर पुणे, नागपुर, नासिक, औरंगाबाद, नांदेड़, अहमदनगर जैसे बड़े शहरों में भी बंद का अच्छा-खासा असर देखा गया। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे सहित राज्य के सभी प्रमुख हाइवे पर यातायात ठप रहा। कुछ स्थानों पर राज्य परिवहन की बसों को भी क्षति पहुंची है। पश्चिम महाराष्ट्र में बंद करवा रहे दलित कार्यकर्ताओं में कुछ हिंदू संगठनों के बीच आज भी झड़प की खबर मिली है। प्रकाश आंबेडकर के अनुसार उन्होंने बंद शांतिपूर्ण रखने की अपील की थी। अब आगे महाराष्ट्र शांत रहे या नहीं, यह मुख्यमंत्री को तय करना है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने मुंबई हिंदी पत्रकार संघ के एक कार्यक्रम में कहा कि बाहर से आए कुछ लोग कुछ बातें कहकर राज्य में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। चूंकि चर्चा के लिए कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए इस प्रकार के मुद्दे उठाकर संकुचित विचारों के लोग दो समूहों को आमने-सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं। राज्य की जनता समझती है कि इससे विकास बाधित होता है। इसलिए वह ऐसी किसी चीज को समर्थन नहीं देगी।
प्राथमिकी दर्ज
संभाजी, मिलिंद, जिग्नेश व उमर खालिद के खिलाफ एफआइआर बता दें कि सोमवार की घटना के बाद जहां दलित संगठनों की ओर से दो हिंदुत्ववादी नेताओं संभाजी भिड़े एवं मिलिंद एकबोटे के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। वहीं हिंदू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं ने गुजरात के दलित नेता एवं नवनिर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवाणी एवं जेएनयू के छात्र उमर खालिद के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है। हिंदू जनजागृति समिति का मानना है कि इन दोनों के भड़काऊ भाषणों के कारण ही सोमवार को भीमा कोरेगांव
में हिंसा भड़की। मुख्यमंत्री ने सोमवार की घटना के लिए दो जांचें बैठा दी है। मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सोमवार को हिंसा भड़काने के पूरे प्रकरण की जांच करेंगे। जबकि राज्य सीआइडी उस दिन मारे गए युवक राहुल की हत्या की जांच करेगी।
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