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ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का कथित आइएसआइ एजेंट तीन दिन के रिमांड पर

ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के सीनियर सिस्टम इंजीनियर निशांत अग्रवाल को नागपुर सत्र न्यायालय ने तीन दिनों के लिए उत्तर प्रदेश एटीएस को रिमांड पर दे दिया है।

By BabitaEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 12:49 PM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 12:49 PM (IST)
ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का कथित आइएसआइ एजेंट तीन दिन के रिमांड पर
ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का कथित आइएसआइ एजेंट तीन दिन के रिमांड पर

नागपुर, एएनआइ। नागपुर सत्र न्यायालय ने ब्रह्मोस की नागपुर यूनिट में काम करने वाले इंजीनियर निशांत अग्रवाल को तीन दिनों के लिए उत्तर प्रदेश एटीएस को रिमांड पर दे दिया है। महाराष्ट्र एटीएस की मदद से ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के सीनियर सिस्टम  गिरफ्तार किया था। उसके लैपटॉप से कई गोपनीय दस्तावेज मिले थे। 

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 एटीएस को शक है कि करीब दो साल पहले हनीट्रैप का शिकार हुए निशांत ने गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान व अमेरिका की खुफिया एजेंसियों से साझा की हैं, जिसकी छानबीन की जा रही है। वह पाकिस्तान बेस्ड दो फर्जी फेसबुक आइडी के संपर्क में था। कानपुर व आगरा में रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े दो व्यक्तियों के बारे में छानबीन की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि कानपुर में जिनकी जांच चल रही है, वह एक महिला अधिकारी हैं।

गौरतलब है कि एटीएस ने 19 सितंबर को मिलिट्री इंटेलीजेंस के इनपुट पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की जासूसी के आरोप में बीएसएफ के जवान अच्युतानंद मिश्रा को गिरफ्तार किया था। आइजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि हनीट्रैप का शिकार हुआ बीएसएफ जवान पाकिस्तान की जिन फेक आइडी से जुड़ा था, उनकी जांच की जा रही थी। इसी केस की विवेचना में दो और फेक फेसबुक आइडी सामने आई थीं, जिनकी जांच में निशांत समेत रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े तीन लोगों के बारे पुख्ता सूचनाओं और इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर सोमवार को कार्रवाई की गई। 

आइजी का दावा है कि गली नंबर-7, उज्जवलनगर, नागपुर (महाराष्ट्र) निवासी निशांत के निजी लैपटॉप व कंप्यूटर की जांच में अतिसंवेदनशील दस्तावेज मिले हैं। निशांत के दो ऐसी फेसबुक आइडी से चैटिंग करने के प्रमाण मिले हैं, जिनके आइपी एड्रेस व नंबर पाकिस्तान के हैं। दोनों आइडी महिलाओं के छद्म नाम पर हैं और उनकी प्रोफाइल में तस्वीरें भी अलग-अलग महिला की हैं। निशांत पर पिछले काफी दिनों से एटीएस को शक था, लेकिन बात कुछ पुख्ता होने के बाद आज उसको गिरफ्तार कर लिया। उसे ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत पकड़ा गया है।

निशांत के कार्यालय में भी छानबीन की गई, जहां से कुछ डिजिटल सामग्री कब्जे में ली गई है। आइजी का कहना है कि रुड़की निवासी निशांत अब तक की जांच में शासकीय गोपनीय अधिनियम का दोषी पाया गया है और इसके तहत ही उसकी गिरफ्तारी की गई है। इसी कड़ी में कानपुर व आगरा में भी दो संदिग्धों के घरों में भी छानबीन की जा रही है। एटीएस के सीओ मनीष सोनकर व उनकी टीम निशांत को मंगलवार को नागपुर कोर्ट में पेश करेगी और ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लखनऊ आयेगी।

कौन-कौन सी सूचनाएं की साझा

आइजी का कहना है कि निशांत ने आइएसआइ अथवा अन्य किससे क्या-क्या गोपनीय सूचनाएं साझा की हैं, अभी इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। इसके साक्ष्य जुटाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उसकी दोनों फेक फेसबुक आइडी पर की गई चैट को रिकवर कर उसका भी परीक्षण किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश एटीएस की निगाह अब आगरा तथा कानपुर में निशांत अग्रवाल के साथियों पर है। माना जा रहा है कि चंद दिनों में वह भी गिरफ्त में होंगे। निशांत के पास से कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। एटीएस टीम ने नागपुर स्थित निशांत के आवास पर छापेमारी की।

आइजी ने बताया कि एटीएस की टीम ने उत्तराखंड पुलिस की मदद से रुड़की स्थित निशांत अग्रवाल के घर से उसका एक पुराना लैपटॉप भी बरामद किया है। उसका भी परीक्षण कराया जा रहा है। 

बताया गया कि निशांत अग्रवाल को वर्ष 2017-18 में यंग साइंटिस्ट अवार्ड मिला था। इससे पूर्व वह मुंबई स्थित एक ऑयल कार्पोरेशन में काम करता था। फेक आइडी के जरिये निशांत को नौकरी का झांसा देकर अपने जाल में फंसाया गया था।

इंजीनियर निशांत पाकिस्तान बेस्ड महिला की फेकफेसबुक आईडी के जरिये आइएसआइ के जाल में फंसा। हनी ट्रैप का शिकार बीएसएफ के जवान की नोएडा से गिरफ्तारी के बाद अन्य की जानकारी मिली थी। रुड़की में निशांत के घर मे भी छानबीन हुई। निशांत के लैपटॉप से कई गोपनीय दस्तावेज मिले।

क्या है ब्रह्मोस

ब्रह्मोस एक मध्यम दूरी की सुपरसोनिक मिसाइल है। इसे हवा, पानी और जमीन, तीनों जगहों से दागा जा सकता है। दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल मानी जानी वाली ब्रह्मोस को भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है। 


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