पुणे हिंसा को लेकर महाराष्ट्र सरकार सतर्क, जिग्नेश और उमर पर केस दर्ज
जातीय हिंसा को भड़काने के आरोप में पुणे पुलिस ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी और जेएनयू छात्र उमर खालिद के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर लिया है।
पुणे, एजेंसी। पुणे हिंसा को लेकर सतर्क महाराष्ट्र सरकार ने गुजरात के दलित विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्रनेता उमर खालिद के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। दोनों पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया गया है। पुणे के विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में आइपीसी की धारा 153 ए, 505 और 117 के तहत यह केस दर्ज किया गया है। वहीं, मुंबई में प्रस्तावित जिग्नेश और उमर खालिद के कार्यक्रम को रद कर दिया गया है।
धारा-144 का उल्लंघन
गुरुवार को मुंबई के भाईदास हॉल में छात्र भारती नाम के संगठन ने जिग्नेश और उमर को कार्यक्रम में बुलाया था। छात्र भारती के उपाध्यक्ष सागर भालेराव ने बताया कि उन्होंने भाईदास हॉल को अपने संगठन के ऑल इंडिया समिट के लिए बुक किया था। लेकिन पुलिस अब इस कार्यक्रम में किसी को जाने नहीं दे रही है। भालेराव का कहना है कि मुंबई पुलिस ने पिछले दो तीन दिनों की हिंसा का हवाला देकर कार्यक्रम रद कर दिया है। इधर जब पुलिस ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे लोगों को अंदर जाने से रोका था छात्र नारेबाजी करने लगे और जबरन अंदर जाने की कोशिश कर लगे। इस दौरान पुलिस और छात्रों में झड़प हुई। पुलिस ने एहतियातन कई लोगों को हिरासत में लिया है। मुंबई पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने धारा-144 का उल्लंघन किया था इसलिए इन्हें हिरासत में लिया गया है।
जातीय हिंसा को भड़काने का आरोप
बता दें कि महाराष्ट्र में जातीय हिंसा को भड़काने के आरोप में पुणे पुलिस ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी और जेएनयू छात्र उमर खालिद के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर लिया है। पुलिस ने इनपर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया है। इधर महाराष्ट्र के कोरेगांव हिंसा में अब तक 12 एफआइआर दर्ज की गई है। मुंबई पुलिस ने बताया कि महाराष्ट्र बंद के दौरान कुल 16 प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस दौरान 300 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शहरों में फैली हिंसा के जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
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