राज्यपाल के अभिभाषण का मराठी की जगह गुजराती में अनुवाद पर हंगामा
स्थिति संभालने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने माफी मांगी और गलती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र विधानमंडल में सोमवार को बजट सत्र की शुरुआत ही विवाद के साथ हुई। राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने जैसे ही अभिभाषण पढऩा शुरू किया, विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। सदस्य इस बात को लेकर नाराज थे कि अभिभाषण का अनुवाद मराठी की बजाय गुजराती में था। गुजराती अनुवाद को सूबे के 12 करोड़ मराठियों का अपमान बताते हुए विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया। शिवसेना सदस्यों ने भी इसका विरोध किया। स्थिति संभालने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने माफी मांगी और गलती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इसके बाद सूबे के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने खुद ही अभिभाषण का मराठी में अनुवाद शुरू कर दिया। विपक्षी जब नारेबाजी कर रहे थे तब फडऩवीस और पुरोहित ने उन्हें बताया कि अब मराठी अनुवाद सुना जा सकता है लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया और बाहर चले गए।
इसके पहले राज्यपाल ने जैसे ही अंग्रेजी में अभिभाषण शुरू किया, सदस्यों ने अपने हेडफोन पहने, लेकिन वे मराठी में अनुवाद नहीं सुन पा रहे थे। विपक्षी सदस्यों ने इसकी शिकायत की। बाद में जब बजट सत्र के लिए विधानसभा की बैठक शुरू हुई तब नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल ने घटना को मराठी भाषा का 'अपमान' बताते हुए उसकी निंदा की। कहा, जवाबदेही तय की जाए और गलती के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए। वहीं अभिभाषण के मराठी अनुवाद की अनुपलब्धता को राज्यपाल ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने को कहा है।