Move to Jagran APP

घोटाले की चपेट में आए पीएनबी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

एजेंसियों का कहना है कि बैंकिंग सेक्टर का यह सबसे बड़ा घोटाला कई साल तक पकड़ में नहीं आ सका।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 21 Feb 2018 03:11 PM (IST)Updated: Wed, 21 Feb 2018 03:11 PM (IST)
घोटाले की चपेट में आए पीएनबी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
घोटाले की चपेट में आए पीएनबी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

मुंबई, प्रेट्र। 11,400 करोड़ रुपये के भारी-भरकम घोटाले की चपेट में आए पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को बैंक को 'रेटिंग वाच नेगेटिव' श्रेणी में रख दिया। इसे पीएनबी की रेटिंग घटाने का संकेत माना जा रहा है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी पीएनबी को निगरानी सूची में डाल दिया है।  

loksabha election banner

एजेंसियों का कहना है कि बैंकिंग सेक्टर का यह सबसे बड़ा घोटाला कई साल तक पकड़ में नहीं आ सका। इससे पीएनबी में आंतरिक एवं बाह्य जोखिम नियंत्रण तथा प्रबंधकीय निगरानी पर सवाल खड़े होते हैं। मूडीज ने अपने नोट में कहा गया है कि रेटिंग घटाने की समीक्षा तीन बिंदुओं पर केंद्रित रहेगी।

 पहला, धोखाधड़ी का वित्तीय प्रभाव। दूसरा, बैंक का कैपिटलाइजेशन प्रोफाइल सुधारने के लिए प्रबंधन की ओर से होने वाली कार्रवाई। तीसरा, नियामक की ओर से पीएनबी के खिलाफ होने वाली कार्रवाई। रेटिंग एजेंसी फिच ने भी इस संबंध में अलग से नोट जारी किया है। एजेंसी ने कहा, 'फिच रेटिंग ने पीएनबी में बड़ा घोटाला सामने आने के बाद उसकी वायबिलिटी रेटिंग को 'रेटिंग वाच नेगेटिव' श्रेणी में रख दिया है। 'फिच के मुताबिक, वायबिलिटी रेटिंग से किसी वित्तीय संस्थान की क्रेडिट विश्वसनीयता का पता चलता है। एजेंसियों ने घोटाले के बाद से बैंक केशेयरों में आई गिरावट पर भी चिंता जताई है।

स्विफ्ट सिस्टम पर रिजर्व बैंक ने किया था सतर्क भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने कहा है कि उसने अगस्त, 2016 से अब तक स्विफ्ट सिस्टम के दुरुपयोग को लेकर बैंकों को तीन बार चेताया था। बैंकों ने इस चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया था। स्विफ्ट का मतलब 'सोसायटी फॉर वल्र्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन' होता है। यह एक तरह का मैसेज भेजने और प्राप्त करने वाला नेटवर्क है, जिसका इस्तेमाल दुनियाभर के बैंक और वित्तीय सेवा फर्र्में करती हैं। आरबीआइ ने बैंकों में हो रही जालसाजी पर शिकंजा कसने के लिए आरबीआइ बोर्ड के सदस्य और आइसीएआइ के पूर्व प्रमुख वाई. एच. मालेगाम की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया है। यह पैनल जालसाजी की वजहों का पता लगाएगा और साथ ही उन्हें रोकने के उपाय भी सुझाएगा। रिजर्व बैंक ने बैंकों को अपना स्विफ्ट सिस्टम मजबूत बनाने के लिए जरूरी प्रावधान लागू करने का आदेश भी दिया है।

डिजिटल लेनदेन बनेगा और सुरक्षित

बैंकिंग कोड्स एंड स्टैंडड्र्स बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीएसबीआइ) ने डिजिटल लेनदेन को और सुरक्षित करने की दिशा में कदम उठाया है। बीसीएसबीआइ ने इस संबंध में बैंकों के लिए नया कोड जारी किया है। इन्हें सभी बैंकों को तत्काल प्रभाव से लागू करना होगा। बीसीएसबीआइ के चेयरमैन ए. सी. महाजन ने कहा, 'डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों के चलते बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव हुए हैं। इन्हीं बदलावों को ध्यान में रखते हुए नए कोड जारी किए गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.