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Coronavirus: मुंबई में फिर दिखने लगी उम्मीद की किरण, कोरोना के नए मामले आने की संख्या घटी; ठीक होने वालों की बढ़ी

Coronavirus मुंबई में उम्मीद की किरण फिर नजर आने लगी है। पिछले कुछ दिनों से यहां मरीजों की संख्या में तो कमी आई ही है ठीक होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या भी प्रतिदिन पॉजिटिव हो रहे मरीजों से कम रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 05:07 PM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 07:22 PM (IST)
Coronavirus: मुंबई में फिर दिखने लगी उम्मीद की किरण, कोरोना के नए मामले आने की संख्या घटी; ठीक होने वालों की बढ़ी
मुंबई में फिर दिखने लगी उम्मीद की किरण, कोरोना के नए मामले आने की संख्या घटी। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, मुंबई। Coronavirus: महाराष्ट्र में कोरोना के सक्रिय मामले भले सात लाख से ऊपर पहुंच गए हों, लेकन मुंबई में उम्मीद की किरण एक बार फिर नजर आने लगी है। पिछले कुछ दिनों से यहां मरीजों की संख्या में कमी तो आई ही है, ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी अधिक रही। कोरोना की दूसरी लहर 10 फरवरी से शुरू होने के बाद पिछले ढाई महीनों में मुंबई में 3,09,000 संक्रमण के मामले आ चुके हैं। इस दौरान1,319 लोगों की मौत हो चुकी है। मार्च महीने के आखिर तक पहुंचते-पहुंचते मुंबई में प्रतिदिन कोरोना रोगियों की संख्या 10 हजार से ऊपर पहुंच गई थी। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में यह संख्या बढ़ने के बजाय स्थिर रही, और चार अप्रैल के बाद से इसमें लगातार कमी आती दिखाई देने लगी।

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बीच में 15,16 एवं 18 अप्रैल को यह संख्या पुन: 8000 से ऊपर गई, लेकिन उसके बाद से यह लगातार घट रही है। 26 अप्रैल को सामने आए सक्रिय मामले सिर्फ 3,792 यानी चार अप्रैल की संख्या 11,163 की लगभग एक तिहाई है।बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने से पहले मुंबई में यह संख्या 300-400 प्रतिदिन तक पहुंच गई थी। इसके बाद ही मुंबई में लोकल ट्रेनें सभी के लिए शुरू करने सहित, पाबंदियों में कुछ और ढील देने का निर्णय किया गया था। लेकिन इसका असर उलटा हुआ, और कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे। मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर एक-दूसरे को छूने से नहीं, बल्कि हवा से फैल रही है। इससे बचाव के लिए सिर्फ दूरी बनाए रखना ही पर्याप्त नहीं है। मास्क लगाकर ही इससे बचा जा सकता है।

चहल के अनुसार इसके लिए बीएमसी ने सख्त पाबंदियां एवं जागरूकता अभियान चलाया। मास्क न लगाने वाले 27 लाख लोगों पर जुर्माना लगाकर कुल 56 करोड़ रुपए वसूले गए। इससे लोगों के मन में प्रशासन के प्रति डर बैठा और आज 90 फीसद मुंबईवासी मास्क में दिखाई देने लगे हैं। उनके अनुसार जब मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने लगी तो यहां प्रतिदिन 50 हजार लोगों की जांच का लक्ष्य रखा गया। चहल का कहना है कि कोरोना की नई लहर में 90 फीसद से ज्यादा मामले ऊंची इमारतों से आए हैं, न कि झोपड़पट्टियों से। इसके कारण भी संख्या को निंयत्रित करना अपेक्षाकृत आसान रहा। राहत देनेवाला एक पहलू यह भी है कि मुंबई में संक्रमित पाए जा रहे रोगियों की तुलना में ठीक होनेवाले रोगियों की संख्या भी अब ज्यादा हो गई है। लेकिन मुंबई को लेकर एक नई चिंता बिना वैक्सीन लिए ही उनके शरीर में एंटीबाडी निर्माण होना है।

मुंबई महानगरपालिका द्वारा करवाए गए सीरो सर्वे की तीसरी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इस सीरो सर्वे में 10,197 लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया था। 36.30 फीसद लोग सीरो पाजिटिव पाए गए। उनके शरीर में एंटीबाडी बन चुकी थी। यानी इनमें कई लोग ऐसे हो सकते हैं, जिन्हें कोरोना होने के बावजूद इस बीमारी से पीडि़त होने का पता नहीं चला। ऐसे बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज समाज में घूमते-फिरते कई अन्य लोगों को कोरोना से संक्रमित करने का कारण बन सकते हैं।


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