नहीं बढ़ेगी ई-वॉलेट को केवाईसी से जोडऩे की समय सीमा
डिप्टी गवर्नर बी. पी. कानूनगो ने कहा, 'दिशानिर्देश के पालन के लिए पर्याप्त समय दिया जा चुका है।
मुंबई, प्रेट्र। रिजर्व बैंक विभिन्न कंपनियों के प्रीपेड वॉलेट के लिए अनिवार्य केवाईसी में कोई ढील देने की तैयारी में नहीं है। केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि इसके लिए तय 28 फरवरी की समय सीमा में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इस समय तक केवाईसी नहीं जमा होने पर वॉलेट से पैसे का लेनदेन नहीं किया जा सकेगा।
देश में अभी 55 गैर बैंकिंग पीपीआइ (प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट) और बैंकों द्वारा संचालित 50 वॉलेट काम कर रहे हैं। रिजर्व बैंक ने पिछले साल अक्टूबर में इस संबंध में निर्देश जारी किए थे। इसके मुताबिक, इन सभी वॉलेट के संचालन के लिए संबंधित कंपनियों और बैंकों को ग्राहकों से केवाईसी दस्तावेज जमा कराने को कहा गया था। पहले इसके लिए 31 दिसंबर, 2017 की समय सीमा रखी गई थी। बाद में इसे बढ़ाकर 28 फरवरी, 2018 कर दिया गया।
अब रिजर्व बैंक ने इस समय सीमा को बढ़ाने से इन्कार कर दिया है। डिप्टी गवर्नर बी. पी. कानूनगो ने कहा, 'दिशानिर्देश के पालन के लिए पर्याप्त समय दिया जा चुका है। निर्धारित समय सीमा तक कंपनियों को ग्राहकों के केवाईसी दस्तावेज हासिल करने होंगे।' हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि केवाईसी नहीं जमा कराने वाले ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रहेगा। ऐसे ग्राहक वॉलेट में उपलब्ध बैलेंस का इस्तेमाल विभिन्न सेवाओं और वस्तुओं की खरीद के लिए करते रह सकेंगे।
हालांकि, किसी को पैसा भेजने, वॉलेट में पैसा जमा कराने या बैंक में ट्रांसफर करने के लिए केवाईसी अनिवार्य होगा। केवाईसी दस्तावेज देने के बाद ग्राहक फिर से वॉलेट की सभी सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। पीपीआइ से जुड़ी कंपनियों का तर्क है कि मोबाइल नंबर लेते समय ग्राहक केवाईसी दस्तावेज जमा कराते हैं। इसी केवाईसी को वॉलेट के लिए भी मान्य होना चाहिए। ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने इस दलील को मानने से इन्कार कर दिया है।