Maharashtra: मुफ्त बिरयानी की मांग कर फंसीं आइपीएस महोदया
Maharashtra पुणे की एक आइपीएस अधिकारी अपने अधीनस्थ पुलिस अधिकारी से मुफ्त बिरयानी की मांग करते हुए आडियो क्लिप वायरल होने के बाद फंसती दिखाई दे रही हैं। गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने पुणे के पुलिस आयुक्त को मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र में पुणे की एक आइपीएस अधिकारी अपने अधीनस्थ पुलिस अधिकारी से मुफ्त बिरयानी की मांग करते हुए आडियो क्लिप वायरल होने के बाद फंसती दिखाई दे रही हैं। गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने पुणे के पुलिस आयुक्त को मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। वायरल हो रहे आडियो क्लिप में पुणे जोन-एक की पुलिस उपायुक्त अपने अधीनस्थ एक कर्मचारी से यह पूछती सुनाई दे रही हैं कि विश्रामबाग पुलिस थाना क्षेत्र में अच्छी बिरयानी कहां मिलती है? जब उनका अधीनस्थ कर्मचारी बताता है कि एक जगह देशी घी की बिरयानी अच्छी मिलती है, तो डीसीपी महोदया उसे बिरयानी लाने का आदेश देती हैं, और कहती हैं कि यदि वह पैसा मांगे तो क्षेत्रीय थानाध्यक्ष से बात कर लेना।
अधीनस्थ पुलिसकर्मी जब यह बताता है कि बाहर से खाना मंगाने पर वह लोग हमेशा भुगतान करते हैं, तो डीसीपी महोदया गरम होकर कहती हैं कि अपने ही क्षेत्र में मुझे पैसे देना पड़े तो क्या फायदा। अब इस बातचीत का आडियो क्लिप वायरल होने के बाद डीसीपी महोदया सफाई दे रही हैं कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। चूंकि इस आडियो क्लिप में थोड़ा फेरबदल किया गया है, इसलिए उन्होंने साइबर क्राइम सेल में इस घटना की एफआईआर भी दर्ज करा दी है। जबकि राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने इस मामले को गंभीर बताते हुए पुणे पुलिस आयुक्त को घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।
गौरतलब है कि गत दिनों पुणे में दुल्हन के खिलाफ कोविड नियमों का उल्लंघन करने के मामले में केस दर्ज किया गया है। दुल्हन मास्क लगाए बिना कार के बोनट पर बैठ शादी के लिए फोटोशूट करवा रही थी। पुलिस के अनुसार, कार के चालक, कैमरामैन और फोटोशूट में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं। शूटिंग के लिए इस्तेमाल किया गया कैमरा भी जब्त कर लिया गया है। घटना पुणे शहर के दिवे घाट इलाके में मंगलवार सुबह की है। फोटोशूट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 269, 188, 279, 107, 336, 34 के साथ-साथ आपदा प्रबंधन अधिनियम, महाराष्ट्र कोविड प्रबंधन अधिनियम और मोटर वाहन अधिनियम की अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।