51 एकड़ में साकार होगा स्मार्ट सिटी का सपना
स्मार्ट सिटी में शामिल नागपुर शहर में विकास के लिए 251 एकड़ जगह उपलब्ध है। स्मार्ट सिटी की संकल्पना यहीं साकार होगी। 3400 करोड़ के प्रकल्प का काम मनपा द्वारा शुरू करने के संकेत हैं। पहले चरण में केंद्र सरकार से 194 करोड़ रुपए मिलेंगे। स्मार्ट सिटी प्रकल्प अंतर्गत केंद्र से कुल 500 करोड़ रुपए मिलेंगे।
नागपुर। स्मार्ट सिटी में शामिल नागपुर शहर में विकास के लिए 251 एकड़ जगह उपलब्ध है। स्मार्ट सिटी की संकल्पना यहीं साकार होगी। 3400 करोड़ के प्रकल्प का काम मनपा द्वारा शुरू करने के संकेत हैं। पहले चरण में केंद्र सरकार से 194 करोड़ रुपए मिलेंगे। स्मार्ट सिटी प्रकल्प अंतर्गत केंद्र से कुल 500 करोड़ रुपए मिलेंगे।
राज्य सरकार से 1000 करोड़ अपेक्षित है। पहले चरण में 250 करोड़ मिलेंगे। बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। कुछ क्षेत्र का पैन सिटी के रूप में विकास किया जाएगा। घनी आबादी वाले कुछ इलाकों में पुनर्विकास व टीओडी अंतर्गत विकास की योजना है। इसके अलावा ग्रीन फिल्ड विकास व रिट्रोफिटिंग विकास का भाग भी तय किया गया है। पुनर्विकास व टीओडी के लिए सीताबर्डी, जेल वार्ड, जीरो माइल परिसर, महल, मोमिनपुरा और रेशमबाग झोपडपट्टी आदि शामिल है। चिचंभवन में ग्रीन फिल्ड विकास और पारडी, भरतवाड़ा, पुनापुर, दिघोरी, मानेवाड़ा, नारी-नारी आदि भाग का एरिया बेस्ड डेवलपमेंट अंतर्गत किया जाएगा। सुविधाओं के आधार पर देखें तो शहर का पूर्वोत्तर भाग पिछड़ा है। इस अनुसार जोनल नक्शा बना है। पैन सिटी के लिए 281.59 करोड़ खर्च अपेक्षित है।
स्मार्ट डस्टबिन, स्मार्ट कियोस्क बनेंगे शहर में
स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में महानगरपालिका के प्रयास शुरू हो गए है। एसपीवी (स्पेशल पर्पज वेइंग) ने काम शुरू कर दिया है। फिलहाल स्मार्ट शहर बनाने के लिए केंद्र सरकार से पहले चरण में 194 करोड़ रुपए मिलेंगे। शहर को स्मार्ट लुक देने के लिए स्मार्ट डस्टबिन और स्मार्ट कियोस्क जैसी योजनाएं प्रस्तावित हैं। स्मार्ट डस्टबिन का कंस्पेप्ट भी स्मार्ट है। कूड़ेदान में कचरा जैसे भर जाएगा, कूड़ेदान खुद बताएगा कि वह भर गया है। इसी तरह स्मार्ट कियोस्क में मनपा की विभिन्न योजनाओं की जानकारी मिल सकेगी। नागरिक वहां जाकर विविध योजना अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं। जैसे जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र व अन्य योजनाएं। फिलहाल राज्य सरकार की पहल पर 550 करोड़ रुपए की लागत से शहर भर में सीसीटीवी सर्विलांस लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। एलएंडटी कंपनी को इसका ठेका दिया गया है। सीसीटीवी सर्विलांस से तुरंत पता चलेगा कि कहां अपराध हुए हैं। आरोपी को पकड़ने में इससे मदद मिल सकेगी।
बनेगा पार्किंग एप्लिकेशन :
स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत शहर की परिवहन और पार्किंग व्यवस्था को सुचारू करने पर जोर दिया जा रहा है। परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बड़ी संख्या में बसों को सड़कों पर उतारा जा सकेगा। दो और चार पहिया वाहनों का इस्तेमाल कम हो, इसके लिए भी विशेष प्रयास किए जाएंगे। फिलहाल पार्किंग समस्या से निपटने के िलए एक एप्लिकेशन शुरू किया जाएगा। एप्लिकेशन में कहां क्या समस्या है और कहां सुविधा है, इसकी जानकारी मिल सकेगी। इससे जाम की स्थिति या यातायात को सुचारू रखने में भी मदद मिलेगी। इसी तरह साइकिल चालकों के लिए अलग से ट्रैक बनाने पर भी विशेष जोर है। फिलहाल जापानी गार्डन से खामला चौक तक स्मार्ट स्ट्रीट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। निविदा को मंजूरी मिलने की जानकारी है। स्मार्ट स्ट्रीट पर वाईफाई, स्मार्ट आस्क, बस की फेरी के संबंध में जानकारी देने वाले बस स्टॉप रहेंगे। अगले एक साल में स्मार्ट सिटी बनकर तैयार होने की जानकारी दी गई है।