जिन्ना हाउस के लिए दीना ने लड़ी थी लंबी लड़ाई
भारत सरकार का कहना था कि यह बंगला उसके और जिन्ना की बहन फातिमा या उनके उत्तराधिकारी के बीच का मामला है।
मुंबई, प्रेट्र। पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की इकलौती संतान दीना वाडिया का निधन हो गया है। गुरुवार को उन्होंने 98 साल की उम्र में न्यूयॉर्क में अंतिम सांस ली। कुछ समय पहले जिन्ना हाउस के मालिकाना हक के लिए कानूनी लड़ाई को लेकर भी वह चर्चा में आईं थीं। भारत सरकार का कहना था कि यह बंगला उसकेऔर जिन्ना की बहन फातिमा या उनके उत्तराधिकारी के बीच का मामला है। बांबे हाई कोर्ट के सामने उनकी याचिका अंतिम सुनवाई के लिए अब तक लंबित है।
दरअसल, 2007 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने जिन्ना हाउस पर अपने देश की ओर से दावा कर दिया था। उनकी योजना इसमें वाणिज्य दूतावास खोलने की थी। उसी साल दीना वाडिया ने भी बांबे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस पर अपना दावा पेश कर दिया। उनका कहना था कि जिन्ना का एकमात्र वारिस होने के चलते यह बंगला उनको मिलना चाहिए। उन्होंने कहा था कि इस बंगले से उनकी बचपन की यादें जुड़ी हुई हैं और वे अपना आखिरी दिन इसमें गुजारना चाहती हैं। उनका यह भी कहना था कि इस बंगले को लावारिस संपत्ति नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि उनके पिता ने कोई वसीयत नहीं लिखी थी।
पाकिस्तान ने शोक जताया
दीना वाडिया के निधन पर पाकिस्तान ने शोक व्यक्त किया। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रपति ममनून हुसैन व पीएम अब्बासी पाकिस्तानी जनता व सरकार की ओर से संवेदना प्रकट करते हैं। पाक के लोगों में उनका बहुत सम्मान है और हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
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