Move to Jagran APP

Maharashtra: एलगार परिषद मामले में गौतम नवलखा को बांबे हाई कोर्ट से भी नहीं मिली जमानत

Maharashtra गौतम नवलखा को पुणे पुलिस ने 28 अगस्त 2018 को गिरफ्तार तो किया था लेकिन उन्हें हिरासत में नहीं लिया था। वह 28 अगस्त से एक अक्टूबर 2018 तक घर में नजरबंद रहे थे। वह न्यायिक फिलहाल नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल में बंद हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2021 08:13 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2021 08:13 PM (IST)
Maharashtra: एलगार परिषद मामले में गौतम नवलखा को बांबे हाई कोर्ट से भी नहीं मिली जमानत
एलगार परिषद मामले में गौतम नवलखा को बांबे हाई कोर्ट से भी नहीं मिली जमानत। फाइल फोटो

मुंबई, प्रेट्र। Maharashtra: बांबे हाई कोर्ट ने माओवादियों से जुड़ी एलगार परिषद मामले में आरोपित गौतम नवलखा की जमानत याचिका सोमवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि विशेष अदालत के तार्किक आदेश में दखल देने का उसे कोई कारण नजर नहीं आता। विशेष अदालत पहले ही उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुकी है।जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कर्णिक की पीठ ने कहा कि 2018 में घर में नजरबंदी के दौरान बिताए गए 34 दिन वैधानिक जमानत के लिए नहीं गिने जा सकते हैं। नवलखा को पुणे पुलिस ने 28 अगस्त, 2018 को गिरफ्तार तो किया था, लेकिन उन्हें हिरासत में नहीं लिया था। वह 28 अगस्त से एक अक्टूबर, 2018 तक घर में नजरबंद रहे थे। वह न्यायिक फिलहाल नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल में बंद हैं।

loksabha election banner

नवलखा ने विशेष एनआइए अदालत द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए जाने के 12 जुलाई, 2020 के आदेश को पिछले साल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने हिरासत में 90 दिन बिताने और इस दौरान अभियोजन की ओर से आरोपपत्र दाखिल नहीं किए जाने के आधार पर वैधानिक जमानत मांगी थी। इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अक्टूबर, 2018 को नवलखा की नजरबंदी को अवैध करार देते हुए खारिज कर दिया था।

एलगार परिषद के आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

पुणे में हाल ही आयोजित एलगार परिषद में वक्ता शरजील उस्मानी के हिंदू विरोधी बयानों का 'समर्थन' करने आरोप में महाराष्ट्र भाजपा ने कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने ट्वीट कर कहा कि एलगार परिषद समाज को बांटने का काम कर रहा है। एलगार परिषद ने उस्मानी के हिंदू विरोधी बयानों का समर्थन कर साबित किया है कि उसकी असली मंशा क्या है? भीमा कोरेगांव शौर्य दिन प्रेरणा अभियान ने 30 जनवरी को पुणे के गणेश कला क्रीड़ा रंग मंच में एलगार परिषद-2021 का आयोजन किया था। उसने एक बयान जारी कर कहा कि वह शरजील उस्मानी के साथ मजबूती से खड़ा है। बयान के मुताबिक, कार्यकर्ता शरजील उस्मानी 23 वर्षीय मुस्लिम एक छात्र है और उसके मुस्लिम होने की वजह से उसके भाषणों के खिलाफ विकृत और हिंसक प्रतिक्रिया हुई।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी एलगार परिषद के कार्यक्रम में हिंदुत्व के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोपित है। पुणे पुलिस ने दो फरवरी को उस्मानी के खिलाफ भाजयुमो के एक नेता की शिकायत पर धारा 153ए (धर्म के आधार पर दो समुदायों के बीच वैमनस्यता पैदा करना) के तहत एक केस दर्ज किया है। इस बीच, राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि सरकार शरजील उस्मानी जैसे लोगों को किसी कार्यक्रम में बोलने पर प्रतिबंधित करने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि एलगार परिषद में पूर्व मजिस्ट्रेट भी मौजूद थे, उन्हें शरजील को रोकना चाहिए था। इस मामले में दर्ज एफआइआर के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.