बनवारीलाल बने असम के राज्यपाल, कभी गड़करी, मुंडे पर लगाए थे आरोप
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नागपुर के पूर्व सांसद बनवारीलाल पुरोहित को असम का राज्यपाल का पद सौंपा है।
नागपुर। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी सांसद नजमा हेपत्तुला को मणिपुर का राज्यपाल बनाया तो नागपुर के पूर्व सांसद बनवारीलाल पुरोहित को असम का राज्यपाल का पद सौंपा है। इसके अलावा वी. पी सिंह की पंजाब के राज्यपाल बने हैं तो अंडमान निकोबार के राज्यपाल के पद पर जगदीश मुखी को नियुक्त किया है।
बनवारीलाल पुरोहित ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से जुड़कर शुरु की थी। नागपुर लोकसभा सीट से वें सन 1984 और 1989 में सांसद बने थे। बाद में राम मंदिर के मुद्दे को लेकर उन्होंने कांग्रेस छोड़ी और बीजेपी में शामिल हो गए। सन 1991 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दत्ता मेघे ने उन्हे हराया था। इसके बाद सन 1996 में बनवारीलाल नागपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद बने थे।
गड़करी मुंडे, महाजन पर आरोप लगाकर छोड़ी थी पार्टी
सासंद बनने के दो साल बाद ही बनवारीलाल पुरोहित ने अपने ही पार्टी के कद्दावर नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। नितिन गडकरी, गोपीनाथ मुंडे और प्रमोद महाजन आदि नेताओं को उन्होंने अपना टारगेट बनाया था। इसके चलते उन्होंने बीजेपी का दामन छोड़र अपनी खुद की पार्टी बनाई थी। लेकिन 11 साल बाद याने 2009 में वें वापस बीजेपी से जुड़ गए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस बनवारीलाल पुरोहित को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।
विदर्भ से चौथे राज्यपाल
बनवारीलाल विदर्भ से चुने गए चौथे राज्यपाल हैं। इससे पहले यवतमाल के सुधाकरराव नाईक, रा सु गवई और नागपुर की रजनी राय को राज्यपाल बनने का मौका मिला था।