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Maharashtra: कोरोना से माता-पिता को खोने वाले बच्चों के बैंक खाते में जमा हों पांच लाख रुपयेः यशोमती ठाकुर

Maharashtra यशोमती ठाकुर ने शुक्रवार को सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और प्रस्ताव दिया कि राज्य को हर उस बच्चे के बैंक खाते में पांच लाख रुपये की सावधि जमा करनी चाहिए जिसने कोरोना के कारण माता-पिता दोनों को खो दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 08:44 PM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 08:44 PM (IST)
Maharashtra: कोरोना से माता-पिता को खोने वाले बच्चों के बैंक खाते में जमा हों पांच लाख रुपयेः यशोमती ठाकुर
कोरोना से माता-पिता को खोने वाले बच्चों के बैंक खाते में जमा हों पांच लाख रुपयेः यशोमती ठाकुर। फाइल फोटो

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र की महिला व बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने शुक्रवार को सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और प्रस्ताव दिया कि राज्य को हर उस बच्चे के बैंक खाते में पांच लाख रुपये की सावधि जमा करनी चाहिए, जिसने कोरोना के कारण माता-पिता दोनों को खो दिया है और इसके ब्याज का उपयोग उस बच्चे के लिए किया जा सकता है। उनके मुताबिक, जिन बच्चों ने माता-पिता में से एक को खो दिया है, उन्हें महाराष्ट्र सरकार की बाल संगोपन योजना के तहत प्रति माह 2500 रुपये दिए जा सकते हैं। सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस मामले पर कैबिनेट बैठक में चर्चा की जाएगी और निर्णय लिया जाएगा। 

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इधर, महाराष्ट्र की भाजपा इकाई ने 'द फिफ्थ पिलर' नाम से एक डिजिटल अभियान शुरू किया है। इसका मकसद कोरोना वायरस महामारी और टाक्टे तूफान से प्रभावित लोगों को अपनी मुश्किलें बताने के लिए इंटरनेट मीडिया पर मंच उपलब्ध कराना है। अभियान के बारे में बताते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि हम महामारी और तूफान प्रभावित लोगों की सच्चाइयों को सामने लाना चाहते हैं। हमारा मकसद लोगों को एक मंच उपलब्ध कराकर उनकी मदद करना है। उन्होंने कहा कि फेसबुक और यूट्यूब पर इसके लिए पेज बनाए गए हैं, जहां लोग अपनी समस्याएं बता सकते हैं और मुद्दे उठा सकते हैं। यह अभियान नागरिक पत्रकार मंच की तरह काम करेगा, जहां लोग जमीनी हकीकत के बारे में वीडियो, तस्वीरें और टिप्पणियां साझा कर सकेंगे। खासकर ग्रामीण इलाके के लोग अपनी तकलीफ व्यक्त कर सकेंगे और मांग सामने रख सकेंगे, ताकि उनकी जरूरी मदद की जा सके।

गौरतलब है कि एक ओर जहां रेलवे को कोरोना में यात्री न मिलने के कारण अपनी कई ट्रेनों को निरस्त करना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर मुंबई की ट्रेनों में तत्काल कोटे के टिकट की भी मारामारी है। शनिवार की पुष्पक एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों के एसी क्लास की तत्काल कोटे की बुकिंग शुक्रवार सुबह 10 बजे खुलते ही कुछ मिनटों में ही फुल हो गई। प्रीमियम तत्काल का किराया भी आसमान तक जा पहुंचा। दरअसल, मुंबई से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अप्रैल के अंत से मई के पहले सप्ताह तक यूपी पंचायत चुनाव व वहां लगे लॉकडाउन के कारण आए थे। अब यह प्रवासी श्रमिक वापस लौटने लगे हैं, जिसका असर केवल मुंबई की ट्रेनों पर दिख रहा है।


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