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Coronavirus: महाराष्ट्र में बड़ा खतरा बन रहे हैं बिना लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव रोगी

Coronavirus महाराष्ट्र के कई हिस्सों में पुनः बढ़ते कोरोना के मामलों में बिना लक्षण वाले कोरोना रोगी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। मुंबई में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए एक फरवरी से आम लोगों के लिए शुरू की गई लोकल ट्रेन सुविधा भी एक बड़ा कारण है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 09:12 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 09:12 PM (IST)
Coronavirus: महाराष्ट्र में बड़ा खतरा बन रहे हैं बिना लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव रोगी
महाराष्ट्र में बड़ा खतरा बन रहे हैं बिना लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव रोगी। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। Coronavirus: मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई हिस्सों में पुनः बढ़ते कोरोना के मामलों में बिना लक्षण वाले कोरोना रोगी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। मुंबई में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए एक फरवरी से आम लोगों के लिए शुरू की गई, लोकल ट्रेन सुविधा भी एक बड़ा कारण है। एक फरवरी से पहले तक मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनें सिर्फ आवश्यक सेवाओं में कार्य कर रहे लोगों के लिए खुली थीं। उस समय तक मुंबई में कोरोना के मामले घटकर प्रतिदिन 400 तक पहुंच गए थे और मुंबई राहत की सांस लेने लगी थी। एक फरवरी से सीमित अवधि के लिए सभी को लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति दे दी गई है। इसके एक सप्ताह बाद ही मुंबई में कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे।

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अब मुंबई में एक बार फिर कोरोना के मामले प्रतिदिन 700 से 800 पार करने लगे हैं। इसका एक बड़ा कारण है कि बाजारों व लोकल ट्रेनों में बहुत से यात्री मास्क लगाकर भी नहीं चलते। लोकल ट्रेनों में मास्क न लगाने वाले 2200 से यात्रियों का चालान पिछले 21 दिनों में हो चुका है। मुंबई पुलिस भी मार्च 2020 से अब तक मास्क न पहनने वालों से 31 करोड़ रुपये बतौर जुर्माना वसूल कर चुकी है। इनमें बड़ी मुसीबत ऐसे व्यक्ति बनते दिखाई दे रहे हैं, जिनकी टेस्ट रिपोर्ट तो कोरोना पॉजिटिव आई है, लेकिन उनमें कोरोना के कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं।

मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल कहते हैं कि पिछले दो दिनों में सिर्फ मुंबई में टेस्ट के दौरान 1500 से अधिक लोग बिना लक्षण वाले पॉजिटिव पाए गए हैं। यदि यही लोग मुंबई की सड़कों पर 15 दिन घूम लें तो कोरोना रोगियों की संख्या दस गुना बढ़ा सकते हैं। उनके अनुसार, बिना लक्षणों वाली पवई की एक महिला पिछले दिनों यात्रा करके नासिक गई और वहां दो दिन रुककर वापस लौटी। जबकि बिना लक्षण वाले इस प्रकार के हाई रिस्क रोगियों को घर पर ही रहना चाहिए। यदि ऐसे लोग सरकार की अपील पर अपने घरों में नहीं रहेंगे तो हमें उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन में रखने पर बाध्य होना पड़ेगा और वह भी उन्हीं के खर्चे पर। रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी लोगों को सावधानी बरतने की चेतावनी दे चुके हैं। सोमवार को स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे ने भी कहा कि हमारे लिए दूसरा लॉकडाउन असहनीय होगा। इससे बचना लोगों के ही हाथ में है। जिस प्रकार का सहयोग राज्य के लोगों ने लॉकडाउन के दौरान दिया। उसी प्रकार कुछ दिन और संयम से रहना जरूरी है। अन्यथा सरकार को सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं।


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