Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे के बयान से फिर उड़ी शिवसेना-भाजपा दोस्ती की हवा, जानें-किसने क्या कहा
Maharashtra Politics मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद में केंद्रीय रेल राज्यमंत्री राव साहब दानवे पाटिल की मौजूदगी में अपने भाषण की शुरुआत मंच पर मौजूद मेरे पुराने साथी वर्तमान साथी व फिर से साथ आ गए तो भविष्य के सहयोगी कहते हुए की।
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के एक बयान ने फिर से शिवसेना-भाजपा की दोस्ती को हवा दे दी है। इस बयान के बाद न सिर्फ शिवसेना-भाजपा, बल्कि कांग्रेस-राकांपा की ओर से भी बयानबाजी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर सरकार चला रहे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को औरंगाबाद में केंद्रीय रेल राज्यमंत्री राव साहब दानवे पाटिल की मौजूदगी में अपने भाषण की शुरुआत, 'मंच पर मौजूद मेरे पुराने साथी, वर्तमान साथी व फिर से साथ आ गए तो भविष्य के सहयोगी' कहते हुए की। उनके इस बयान ने एक दिन पहले ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल द्वारा दिए गए एक बयान को ही हवा देने का काम किया है। पाटिल ने कहा था कि मुझे पूर्व मंत्री मत कहो। दो-तीन दिन देखो। ये दोनों नेता महाराष्ट्र में अपनी-अपनी पार्टी के प्रमुख हैं।
देवेंद्र फड़नवीस बोले, उद्धव ठाकरे ने मेरे मन की बात कही
इन दोनों के बयानों पर पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने यह कहते हुए मुहर लगा दी है कि राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। मुख्यमंत्री ने मेरे मन की बात कही है। मुझे यह सुनकर अच्छा लगा। फड़नवीस ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार जिस तरह बढ़ रहा है, उससे मुख्यमंत्री को शायद लगने लगा है कि हमें किन लोगों के साथ सरकार चलानी पड़ रही है। जिस कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे ने यह बात कही, उसमें उनके साथ मंच पर मौजूद रहे भाजपा नेता राव साहब दानवे पाटिल से जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री के इस बयान के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि यदि दोनों दल न्यूनतम साझा कार्यक्रम व समान कार्यक्रमों पर सहमत हों तो सरकार बन सकती है। लेकिन उक्त शीर्ष नेताओं के बयान ने महाविकास अघाड़ी सरकार के अन्य नेताओं की नींद उड़ा दी है।
महाविकास अघाड़ी की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगीः संजय राउत
दानवे के साथ ही मौजूद शिवसेना नेता अब्दुल सत्तार ने कहा है कि यदि भाजपा अगले तीन साल तक भी शिवसेना का ही मुख्यमंत्री बनाए रखने का वादा करे तो दोनों दल पुन: साथ आ सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ही रहेंगे। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत भी अपने ही मुख्यमंत्री के बयान पर असहज दिखाई दिए। राउत यह कहकर बात को संभालते दिखाई दिए कि राज्य में महाविकास अघाड़ी की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। महाराष्ट्र में भाजपा के साथ गठबंधन तुड़वाकर कांग्रेस-राकांपा के साथ शिवसेना की सरकार बनवाने का श्रेय संजय राउत को ही जाता है। इसलिए पुन: भाजपा के साथ जाने की बात पर राउत असहज हो जाते हैं। जबकि राकांपा नेता व राज्य में वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल का कहना है कि राजनीति में विरोधी पार्टियां कभी दुश्मन नहीं होतीं। सभी मित्र ही होते हैं। मुख्यमंत्री परेशान हैं, ऐसा कहना गलत है। महाविकास अघाड़ी सरकार को कोई खतरा नहीं है। कुछ माह पहले ही उपमुख्यमंत्री अजीत पवार व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए मुख्यमंत्री ठाकरे ने जब प्रधानमंत्री के साथ कुछ मिनट अलग से वार्ता की थी, तभी से ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिवसेना पुन: भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना सकती है।