Maharashtra Crisis: 2019 में शुरू हुई महाभारत का लिखा गया आखिरी अध्याय, चंद मिनटों में ही शिवसेना ने टेक दिए घुटने
Maharashtra Crisis महाराष्ट्र में बुधवार रात उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही राजनीतिक संकट खत्म हो गया है। बहुमत का दावा कर रही शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ ही मिनटों में अपने हाथ खड़े कर दिए ।

नई दिल्ली, जागरण आनलाइन डेस्क। महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट खत्म हो गया है। फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। महाराष्ट्र में जो हुआ वह एक राजनीतिक थ्रिलर है। कल तक बहुमत का दावा कर रही शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ ही मिनटों में अपने घुटने टेक दिए।
फ्लोर टेस्ट नहीं कराने की मांग को लेकर शिवसेना सुप्रीम कोर्ट गई थी। वहीं दूसरी ओर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बागियों की अर्जी थी कि फ्लोर टेस्ट कराया जाए। जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि गुरुवार को फ्लोर टेस्ट होगा, उद्धव ने फेसबुक लाइव पर आकर अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी।
2019 में शुरू हुई महाभारत का आखिरी अध्याय
इसके साथ ही 2019 में महाराष्ट्र में शुरू हुए महाभारत का आखिरी अध्याय लिखा गया। भारतीय जनता पार्टी 2019 के चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन सहयोगी शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग रख दी।
पाला बदला और राकांपा और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई। शिवसेना की परंपरा को बदलकर उद्धव ठाकरे अपने परिवार से पहले सीएम बने। इस सरकार के बनने के बाद से ही भाजपा खेमा उनकी कुर्सी खींचने का लगातार प्रयास कर रहा था।
इन मामलों से मिली धार
मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक, आर्यन खान ड्रग्स मामला और अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामलों को धार मिलने से इसकी छींटे एमवीए सरकार तक पहुंच गई। इससे पहले के मामले में एमवीए सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख की गिरफ्तारी बात रुकी। विस्फोटक मामले में अहम कड़ी रहे पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने आरोप लगाया कि देशमुख ने उन्हें 100 करोड़ इकट्ठा करने का टारगेट दिया था। सुशांत की मौत के मामले में आरोप ठाकरे परिवार तक भी पहुंचा।
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Edited By Babita Kashyap