Kalicharan Maharaj Arrested: महात्मा गांधी पर टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज को ठाणे पुलिस ने रायपुर से दबोचा
Kalicharan Maharaj Arrested ठाणे पुलिस ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले साधु कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किया है। कालीचरण महाराज छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र के कई हिस्सों में दर्ज कराए गए विभिन्न मामलों का सामना कर रहा है।
ठाणे, प्रेट्र। महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले साधु कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किया है। कालीचरण महाराज छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र के कई हिस्सों में दर्ज कराए गए विभिन्न मामलों का सामना कर रहा है। सभी मामले पिछले वर्ष 26 दिसंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणी से संबंधित हैं। ठाणे पुलिस ने उसे रायपुर से गिरफ्तार किया। इसी तरह के एक अन्य मामले में भी कालीचरण महाराज रायपुर की जेल में बंद रह चुका है। ठाणे में टिप्पणी को लेकर राकांपा नेता व महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने नौपदा थाने में मामला दर्ज कराया था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि कालीचरण को गिरफ्तार करने के लिए नौपदा थाने से आठ सदस्यीय टीम रायपुर भेजी गई थी।
गौरतलब है कि महात्मा गांधी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी से जुड़े एक अन्य मामले में पुलिस आरोपित कालीचरण को छत्तीसगढ़ के रायपुर से वर्धा लाई थी। बाद में उसे स्थानीय मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया। कालीचरण के खिलाफ 29 दिसंबर को वर्धा शहर थाने में मामला दर्ज किया गया था। इसी तरह के एक अन्य मामले में कालीचरण को रायपुर की जेल में रखा गया था। पिछले वर्ष 26 दिसंबर को रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने पर कालीचरण को रायपुर पुलिस ने मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के तरीकों पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने सवाल उठाए थे। उसके खिलाफ महाराष्ट्र के अकोला पुलिस स्टेशन में भी इसी तरह का मामला दर्ज है।
महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी के तरीके पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा को आपत्ति थी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को अंतरराज्यीय प्रोटोकाल का उल्लंघन नहीं करना था। संघीय मर्यादाएं इसकी इजाजत नहीं देती हैं। उन्हें सूचना देनी चाहिए थी। छत्तीसगढ़ सरकार चाहती तो उन्हें नोटिस देकर बुला सकती थी। नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि उन्होंने मध्य प्रदेश के डीजीपी से कहा कि वे छत्तीसगढ़ के डीजीपी से चर्चा कर गिरफ्तारी के तरीके पर आपत्ति दर्ज करवाएं। इसके बाद प्रदेश में बयानबाजी का भी दौर चला। छ्त्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण ने टिप्पणी की थी।