ठाकरे परिवार का संपत्ति विवाद खत्म, बेटे जयदेव ने कोर्ट में दी चुनौती वापस ली
उद्धव ठाकरे का पैतृक संपत्ति के लिए अपना भाई जयदेव से चल रहा विवाद समाप्त हो गया है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का पैतृक संपत्ति के लिए अपना भाई जयदेव से चल रहा विवाद समाप्त हो गया है। जयदेव ने अपने पिता बालासाहब ठाकरे की वसीयत को मुंबई उच्चन्यायालय में दी गई चुनौती वापस ले ली है।
शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे उर्फ बाल ठाकरे का निधन 17 नवंबर, 2018 को हुआ था। उनके मझले बेटे जयदेव ने 2014 में यह कहते हुए ठाकरे की वसीयत को चुनौती दी थी कि अपने अंतिम समय में उनके पिता मानसिक रूप से अस्वस्थ रहने के कारण अपनी वसीयत तैयार करवाने में सक्षम नहीं थे। उनके छोटे भाई उद्धव ठाकरे ने अपनी मर्जी से यह वसीयत तैयार करवाई थी। बता दें कि ठाकरे की कथित वसीयत में जयदेव के लिए कुछ भी नहीं छोड़ा गया था। यह पारिवारिक विवाद निपटाने के लिए ठाकरे परिवार के रिश्तेदारों ने भी पहल की थी। लेकिन तब जयदेव ठाकरे इसके लिए राजी नहीं हुए थे। शुक्रवार को उन्होंने उच्चन्यायालय में अपना दावा वापस ले लिया।
बता दें कि बाल ठाकरे एवं उनकी पत्नी मीनाताई ठाकरे के तीन पुत्र थे। सबसे बड़े बिंदा ठाकरे, मझले जयदेव और सबसे छोटे उद्धव। 1995 में मीना ताई के निधन के एक साल बाद ही बिंदा ठाकरे की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। जयदेव की पत्नी स्मिता ठाकरे का भी अपने पति जयदेव से अलगाव हो चुका है। बाल ठाकरे के जीवित रहते वह बांद्रा स्थित ठाकरे निवास मातोश्री में ही रहती थीं। लेकिन अब वहां सिर्फ उद्धव ठाकरे का परिवार रहता है।