महाराष्ट्र में पूजा स्थलों पर लगी पाबंदी हटी, सिद्धिविनायक मंदिर में रोजाना एक हजार श्रद्धालु कर पाएंगे दर्शन
Siddhivinayak Temple Reopen अनलॉक में भी धार्मिक स्थलों को नहीं खोले जाने के चलते सरकार पर भाजपा हमलावर थी। उद्धव सरकार ने यह कहते हुए अपने फैसले का बचाव किया था कि पूजा स्थलों पर शारीरिक दूरी को बनाए रखना मुश्किल होगा।
मुंबई, एजेंसियां। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य के पूजा स्थलों को सोमवार से खोल दिया जाएगा। इन पूजा स्थलों को मार्च में लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद बंद कर दिया गया था। राज्य सरकार द्वारा जारी मानक परिचालन प्रकिया (एसओपी) के अनुसार, कोविड-19 के कंटेनमेंट जोन से बाहर के धार्मिक स्थलों को खोल दिया जाएगा। इन्हें खोलने के समय के बारे में फैसला अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।
उद्धव ने एक बयान जारी कर कहा, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि खतरनाक कोरोना वायरस अब भी हमारे बीच है। हालांकि, यह धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है, लेकिन हम लापरवाह नहीं हो सकते। नागरिकों को अनुशासित रहने की जरूरत है। जिस तरह का अनुशासन लोगों ने होली, गणेश चतुर्थी, नवरात्र और ईद के दौरान दिखाया था, उसी तरह का संयम दिखाने की जरूरत है।
जून में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद पूजा स्थलों को बंद रखने के लिए भाजपा कई बार मुख्यमंत्री को निशाना बना चुकी थी। हालांकि, उद्धव ने यह कहते हुए अपने फैसले का बचाव किया था कि पूजा स्थलों पर शारीरिक दूरी को बनाए रखना मुश्किल होगा। इसलिए इन्हें बंद रखा जा रहा है। उन्होंने कहा था कि हालांकि, महामारी के चलते पूजा स्थलों को बंद रखा गया है, लेकिन डॉक्टरों, नर्सो और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के रूप में भगवान अपने भक्तों की देखभाल कर रहे हैं।
राज्य सरकार के फैसले के बाद मुंबई में प्रसिद्ध मुंबादेवी मंदिर को खोलने की तैयारियां जोरों पर है। मुंबादेवी मंदिर के प्रबंधक हेमंत जाधव ने कहा कि श्रद्धालुओं को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम छह बजे के बीच मंदिर जाने की अनुमति होगी। एक बार में पांच श्रद्धालुओं को ही मंदिर जाने दिया जाएगा। सिद्धिविनायक मंदिर को भी खोलने की तैयारियां की जा रही हैं। यहां प्रतिदिन एक हजार श्रद्धालुओं को प्रवेश की इजाजत होगी।
शिर्डी का साई बाबा मंदिर भी श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार है। मंदिर प्रबंधन से जुड़े एक प्रतिनिधि ने कहा कि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन समय लेना पड़ेगा। इसके अलावा मंदिर में प्रवेश के समय दरवाजे पर आरटी-पीसीआर टेस्ट की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।
इस बीच, शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि धार्मिक स्थलों को खोलने का महाराष्ट्र सरकार का फैसला किसी की हार या जीत नहीं है। पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि इसका श्रेय लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।
राज्य के स्मारकों को खोलने के बारे में कोई फैसला नहीं
महाराष्ट्र की पर्यटन राज्यमंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐतिहासिक स्मारकों को पर्यटकों के लिए खोलने का अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। पर्यटक गाइडों के एक संघ ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अजंता, एलोरा और अन्य स्मारकों को पर्यटकों के लिए खोलने की मांग की थी। संघ ने कहा था कि स्मारकों को बंद रखने के चलते कई लोग भुखमरी की स्थिति में पहुंच गए हैं।