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Maharashtra: शिवसेना ने कहा, राहुल गांधी से डरते हैं दिल्ली के शासक

Maharashtra शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में गुरुवार को कहा गया है कि राहुल कमजोर नेता हैं- यह प्रचार करने के बावजूद वह अब भी खड़े हैं और लगातार सरकार पर हमले कर रहे हैं। मीडिया के गले पर छुरी रखकर विरोधी दल को कमजोर किया जा रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 08:59 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 08:59 PM (IST)
Maharashtra: शिवसेना ने कहा, राहुल गांधी से डरते हैं दिल्ली के शासक
शिवसेना ने कहा, राहुल गांधी से डरते हैं दिल्ली के शासक। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra: महाराष्ट्र में औरंगाबाद का नाम बदलने के मुद्दे पर कांग्रेस से टकराव के बीच शिवसेना ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तारीफ की है। उन्हें एक प्रामाणिक योद्धा बताते हुए कहा है कि राहुल से दिल्ली के शासकों को डर लगता है। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में गुरुवार को कहा गया है कि 'राहुल कमजोर नेता हैं'- यह प्रचार करने के बावजूद वह अब भी खड़े हैं और लगातार सरकार पर हमले कर रहे हैं। मीडिया के गले पर छुरी रखकर विरोधी दल को कमजोर किया जा रहा है, लेकिन विरोधी दल फीनिक्स पक्षी की तरह उठ खड़ा होगा। देश का इतिहास यही बताता है। दिल्ली के सत्ताधारियों को राहुल गांधी से डर लगता है। ऐसा नहीं होता तो अनावश्यक गांधी परिवार की बदनामी की सरकारी मुहिम नहीं चलाई गई होती। लड़ाका अकेला भले रहे, उससे तानाशाह को डर लगता है और अकेला योद्धा प्रामाणिक होगा तो यह डर सौ गुना बढ़ जाता है। राहुल गांधी का डर सौ गुना वाला है।

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संपादकीय में कहा गया कि वह फिर से कांग्रेस के अध्यक्ष बन रहे हैं, यह अच्छी बात है। भाजपा के लिए मोदी के बिना और कांग्रेस के लिए गांधी के बिना कोई विकल्प नहीं है, इस सच को स्वीकार करना होगा। शिवसेना का मानना है कि राहुल के अध्यक्ष बनने की संभावना के कारण ही उनके बहनोई राबर्ट वाड्रा के यहां आयकर विभाग का छापा पड़ रहा है। सरकार पर तंज कसते हुए लिखा गया कि कोरोना वैक्सीन वैज्ञानिकों ने ढूंढी है। एकाध वैक्सीन राजनीतिक पेट दर्द और राजनीतिक बदले की बीमारी के लिए भी बनाई गई होती तो कितना अच्छा होता।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के ऐतिहासिक शहर औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजी नगर रखने के मुद्दे पर कांग्रेस और शिवसेना में टकराव बढ़ता दिखाई दे रहा है। बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक ट्वीट में औरंगाबाद का उल्लेख संभाजी नगर के रूप में किए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोरात ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर नसीहत दे डाली कि नाम बदलना सरकार का एजेंडा नहीं है। सरकार का कामकाज न्यूनतम साझा कार्यक्रम के अनुसार ही चलना चाहिए। यह विवाद मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक के बाद चालू हुआ था।


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