Maharashtra: शिवसेना विधायक ने ठेकेदार पर कचरा फेंकवाया
Maharashtra शिवसेना विधायक को एक सड़क पर जलभराव इतना नागवार गुजरा कि कानून और मर्यादा की सारी सीमाएं लांघ गए। विधायक ने ठेकेदार को जलभराव वाली सड़क पर बैठने को मजबूर कर दिया। उन्होंने वहां काम कर रहे कर्मचारियों से कचरा उठवाकर ठेकेदार पर डलवा दिया।
मुंबई, एएनआइ। मुंबई के शिवसेना विधायक को एक सड़क पर जलभराव इतना नागवार गुजरा कि कानून और मर्यादा की सारी सीमाएं लांघ गए। विधायक ने ठेकेदार को जलभराव वाली सड़क पर बैठने को मजबूर कर दिया। उन्होंने वहां काम कर रहे कर्मचारियों से कचरा उठवाकर ठेकेदार पर डलवा दिया। घटना शनिवार की है। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया है। चांदीवली से विधायक दिलीप लांडे ने कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि ठेकेदार ने अपना काम सही से नहीं किया, जिसकी वजह से नाले भर गए और सड़क पर पानी जमा हो गया। विधायक के अनुसार, 'पिछले 15 दिनों से ठेकेदार को लगातार काल कर रहा था और सड़क को साफ करने का आग्रह कर रहा था। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया। इसके बाद शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने खुद काम शुरू किया। इसकी जानकारी जब ठेकेदार को हुई तो वह मौके पर पहुंचा। मैंने उसे कहा कि वह इसके लिए जिम्मेदार है और यह काम उसे ही करना चाहिए था।'
उल्लेखनीय है कि मुंबई की महापौर किशोरी पेडणेकर ने शुक्रवार को ही एक नोटिस जारी कर कहा था कि नालों में कचरा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके पीछे कारण बताते हुए उन्होंने कहा था कि जल निकासी के लिए बनाए गए नालों में लोग कचरा डाल देते हैं। इसके कारण नाले जाम हो जाते हैं और बारिश का पानी निकल नहीं पाता है। इससे पानी सड़कों पर भर जाता है और लोगों को परेशानी होती है।
मुंबई में शनिवार सुबह बादलों की तेज गरज के साथ बरसात की शुरुआत हुई। दोपहर बाद तक चली बरसात के कारण रेलवे ट्रैक पर कई जगह पानी भर गया। इस कारण लोकल ट्रेन सेवा कुछ देर के लिए रोकनी पड़ी।मध्य रेलवे के प्रवक्ता के अनुसार, दादर एवं कुर्ला रेलवे स्टेशनों के बीच पानी भरने के कारण ट्रैक नहीं दिखने से लोकल ट्रेन सेवा को रोकना पड़ा था। इसके अलावा बांद्रा (पूर्व), हिंदमाता, किंग्स सíकल, कुर्ला कमानी आदि निचले इलाकों में सड़क पर पानी भर जाने के कारण बस सेवा भी प्रभावित हुई। बेस्ट की 17 रूट की बसों को अपने मार्ग बदलकर यात्रा करनी पड़ी। हालांकि, माह का दूसरा शनिवार होने के कारण सरकारी कार्यालय बंद होने से ज्यादा लोग घरों से नहीं निकले। इसलिए ज्यादा लोगों को ट्रेन रुकने या बसों के रूट बदले जाने से तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ा।