Maharashtra: एलगार परिषद मामले में शरजील उस्मानी ने पुणे में दर्ज कराया बयान
Maharashtra बांबे हाई कोर्ट ने कार्यकर्ता शरजील उस्मानी को पूछताछ के लिए पुणे पुलिस के सामने हाजिर होने के लिए कहा था। शरजील के खिलाफ इस साल एलगार परिषद के कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआइआर दर्ज की गई थी।
मुंबई, एएनआइ। Maharashtra: महाराष्ट्र में 30 जनवरी को पुणे में एलगार परिषद के दौरान कथित रूप से सांप्रदायिक बयान देने के मामले में शरजील उस्मानी ने बुधवार को पुणे में अपना बयान दर्ज कराया। बांबे हाई कोर्ट ने कार्यकर्ता शरजील उस्मानी को पूछताछ के लिए पुणे पुलिस के सामने हाजिर होने के लिए कहा था। शरजील के खिलाफ इस साल एलगार परिषद के कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआइआर दर्ज की गई थी। जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पिटाले ने पुलिस से 16 मार्च तक शरजील के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा है। इस दिन अदालत मामला रद करने की मांग करने वाली उसकी याचिका पर सुनवाई करेगी।
एलगार परिषद और नक्सली संपर्क मामले में आरोपित कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबडे भाकपा (माओवादी) का 'सक्रिय सदस्य' है और संगठन का एजेंडा मजबूत करने के अभियान में 'गहरे तौर पर संलिप्त' है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने मुंबई में विशेष अदालत को यह जानकारी दी। एनआइए ने तेलतुंबडे की जमानत अर्जी के लिखित जवाब में 26 फरवरी को यह बात कही है। जवाब की एक प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई। इस साल जनवरी में तेलतुंबडे ने एनआइए की विशेष अदालत में जमानत अर्जी दायर कर दावा किया कि उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है। अभियोजन पक्ष की कहानी कि वह सरकार के खिलाफ लड़ाई के लिए भड़का रहे थे, सिर्फ 'मनगढंत है।'
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी द्वारा एलगार परिषद में दिए गए भाषण पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी आपत्ति जताथी थी और कहा था कि इससे हिंदुओं की भावना आहत हुई है। उस्मानी के खिलाफ अगर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो भाजपा आंदोलन करने पर बाध्य होगी। फड़नवीस ने इस मामले में महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार पर आरोप लगाया कि वो शरजील के प्रति नरमी से पेश आ रही है, जबकि उस्मानी के भाषण से हिंदुओं की भावना आहत हुई है। फड़नवीस ने कहा एक शख्स महाराष्ट्र आता है और लोगों की भावनाएं आहत करता है और बिना किसी कानूनी कार्रवाई का सामना किए अपने गृह राज्य में वापस लौट जाता है। यदि सरकार उस शख्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाती है तो हमें लगता है कि उस्मानी को सरकार का समर्थन है।