Move to Jagran APP

Maharashtra: शरद पवार बोले-एकनाथ शिंदे सीएम होंगे, इसकी कल्पना किसी को नहीं थी; देवेंद्र फडणवीस के संस्कारों की तारीफ की

Maharashtra शरद पवार ने कहा कि शिंदे मुख्यमंत्री होंगे इसकी कल्पना किसी को नहीं थी। वह तो उपमुख्यमंत्री पद की उम्मीद लगाए बैठे थे। पवार ने खुद अपना उदाहरण देते हुए कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना तो शंकरराव चह्वाण मंत्री थे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 10:01 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 05:57 AM (IST)
Maharashtra: शरद पवार बोले-एकनाथ शिंदे सीएम होंगे, इसकी कल्पना किसी को नहीं थी; देवेंद्र फडणवीस के संस्कारों की तारीफ की
शरद पवार बोले-शिंदे सीएम होंगे, इसकी कल्पना किसी को नहीं थी, फडणवीस के संस्कारों की तारीफ की।

मुंबई, राज्य ब्यूरो। एनसीपी के प्रमुख शरद पवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रशंसक नहीं हैं। लेकिन वीरवार उन्होंने देवेंद्र फडणवीस की तारीफ उनमें संघ के संस्कार होने के कारण ही की। देवेंद्र फडणवीस के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि शरद पवार ने कहा कि कोई भी अवसर मिले, उसे स्वीकार कर देवेंद्र फडणवीस ने एक अच्छा उदाहरण पेश किया है।

prime article banner

किसी ने नहीं सोचा था ऐसा होगा

फडणवीस ने राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह दो नंबर की जगह उन्होंने खुशी-खुशी स्वीकार की होगी, ऐसा उनके चेहरे से नहीं लग रह है। लेकिन देवेंद्र फडणवीस नागपुर के हैं, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। एक बार ऊपर से आदेश आने के बाद उसे स्वीकारना उनके संस्कारों में है। शिंदे मुख्यमंत्री होंगे, इसकी कल्पना किसी को नहीं थी। वह तो उपमुख्यमंत्री पद की उम्मीद लगाए बैठे थे। पवार ने खुद अपना उदाहरण देते हुए कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना तो शंकरराव चह्वाण मंत्री थे। उससे पहले मैं उनके मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुका था। अशोक चह्वाण ने भी मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्रीपद स्वीकार किया।

अब तक जो भी लोग शिवसेना छोड़कर गए हैं, उन्हें पराजित ही होना पड़ा
शरद पवार ने इसके साथ ही शिवसेना में हुई बगावत पर बोलते हुए कहा कि शिवसेना में यह कोई पहली बगावत नहीं है। अब तक जो भी लोग शिवसेना छोड़कर गए हैं, उन्हें पराजित ही होना पड़ा है। छगन भुजबल, नारायण राणे ऐसे ही पराजित होनेवाले नेता रहे हैं। हमारे नेतृत्व में हुए चुनाव में एक बार 67 विधायक चुनकर आए थे। उसके बाद मैं कुछ दिनों के लिए राज्य से बाहर गया तो सारे पार्टी छोड़कर भाग गए। मैं पुनः लौटकर आया तो सिर्फ छह विधायक ही मेरे साथ रह गए। लेकिन बाद में हुए चुनाव में छोड़कर गए सभी लोगों को हार का मुंह देखना पड़ा। उद्धव ठाकरे ने सत्ता से चिपके न रहकर अच्छा किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.