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Maharashtra: अनिल देशमुख को बचाने के चक्कर में खुद फंसते दिखे शरद पवार

Maharashtra एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार सोमवार को महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को बचाने के चक्कर में खुद ही फंसते दिखाई दिए। शरद पवार को इस असहज स्थिति का सामना खुद अनिल देशमुख के ट्वीट के कारण करना पड़ा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 08:37 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 08:37 PM (IST)
Maharashtra: अनिल देशमुख को बचाने के चक्कर में खुद फंसते दिखे शरद पवार
अनिल देशमुख को बचाने के चक्कर में खुद फंसते दिखे शरद पवार। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार सोमवार को महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को बचाने के चक्कर में खुद ही फंसते दिखाई दिए। शरद पवार को इस असहज स्थिति का सामना खुद अनिल देशमुख के ट्वीट के कारण करना पड़ा। दिल्ली में अपने सरकारी आवास पर प्रेस से बात करते हुए शरद पवार ने कहा कि मैंने कल (रविवार को) महाराष्ट्र के गृहमंत्री पर लगे आरोपों को गंभीर बताया था, और कहा था कि उन्हें पद से हटाने का फैसला अपनी पार्टी के नेताओं और मुख्यमंत्री से बात करने के बाद किया जाएगा। लेकिन आज जो कागजात हमें प्राप्त हुए हैं, उससे पता चलता है कि जिस दौरान सचिन वाझे की उनसे मुलाकात की बात कही जा रही है, उस दौरान वह नागपुर के एक अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे थे।

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शरद पवार ने पत्रकारों को नागपुर के एलेक्सिस अस्पताल में पांच से 15 फरवरी तक देशमुख के भर्ती रहने के कागजात भी दिखाए। उन्होंने कहा कि गंभीर मामला अंटीलिया के बाहर विस्फोट रखी कार खड़ी करने व उस कार के मालिक की हत्या का है। इन मामलों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए 100 करोड़ की बात कही जा रही है। उन्होंने साफ कहा कि अनिल देशमुख का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा। शरद पवार यह आरोप लगा ही रहे थे कि पत्रकारों ने उन्हें अनिल देशमुख का 15 तारीख को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उनका खुद का एक ट्वीट दिखाना शुरू कर दिया। यह पवार के लिए असहज होने की स्थिति थी।

तब भी पवार ने देशमुख का बचाव करते हुए कहा कि आजकल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लेते हैं। लेकिन देशमुख की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई कैमरे उनके सामने रखे दिखाई दे रहे थे। उनका मास्क भी उनकी नाक और मुंह से नीचे था। हालांकि बाद में खुद देशमुख ने स्पष्टीकरण दिया कि 15 फरवरी को अस्पताल में डिस्चार्ज होने के तुरंत बाद उन्होंने वहां मौजूद पत्रकारों से बात की थी। लेकिन विपक्ष ने इस पर भी उनका पीछा नहीं छोड़ा। विपक्ष के नेताओं ने कोरोना के इलाज के तुरंत बाद बिना मास्क के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के मुद्दे पर भी उन्हें घेरना जारी रखा। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि पवार को न्यायाधीश की भूमिका नहीं निभानी चाहिए। 


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