Maharashtra School Reopen: महाराष्ट्र में 5वीं से 8वीं के छात्रों के लिए भी खुले स्कूल, कक्षा 1 से 4 तक खोलने पर विचार
Maharashtra School Reopen महाराष्ट्र में कोरोना महामारी के कारण बंद पड़े स्कूलों को पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक के लिए खोला गया था आज कक्षा 5 से 8 तक के छात्रों के लिए भी खोल दिया गया है।
मुंबई, मिड डे। कोरोना महामारी के कारण महाराष्ट्र में बीते 10 माह से बंद पड़े स्कूलों के दरवाजे कक्षा 5वीं से 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए बुधवार से खोल दिए गए हैं। सुबह से ही पुणे समेत राज्य के स्कूलों में छात्रों की भारी भीड़ नजर आ रही है, स्कूल आने वालों छात्रों में भी उत्साह देखा जा रहा है। स्कूलों में इस दौरान कोविड नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है मास्क पहनकर आने वाले छात्रों को ही स्कूल परिसर में आने की इजाजत दी जा रही है। कई स्कूलों में भी मास्क का इंतजाम किया गया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्कूल के शिक्षकों और छात्रों को निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है। हालांकि मुंबई के स्कूलों को अभी बंद रखा गया है।
राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने मंगलवार को कहा कि अगर स्कूल 5 से 8 तक कक्षाएं आसानी से चला पाते हैं तो महाराष्ट्र सरकार कक्षा 1 से 4 के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार करेगी। मुंबई से लगभग 515 किलोमीटर दूर परभणी शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए, मंत्री ने कहा कि कक्षा 5 से 8 के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के लिए अधिकांश शिक्षकों के आरटी-पीसीआर परीक्षण किए गए थे।
अभिभावकों से अपील
हमने अभिभावकों से अपील की है कि वे मास्क पहनाकर ही अपने बच्चों को स्कूल में भेजें। एक बार जब हम इसमें सफल हो जाते हैं तो हम कक्षा 1 से 4 तक की कक्षाओं को शुरू करने पर विचार करेंगे।" मंत्री ने कहा राज्य सरकार द्वारा कक्षा 9 से 12 के लिए स्कूलों को 23 नवंबर, 2020 से छात्रों के लिए फिर से खोल दिया गया था, लगभग नौ महीने पहले COVID-19 लॉकडाउन के कारण स्कूलों को बंद करना पड़ा था।
कुल 22 लाख छात्रों ने राज्य के 22,204 स्कूलों में इन कक्षाओं (9 से 12 के लिए) में आना शुरू कर दिया है। राज्य शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, अब हमने आज (27 जनवरी) से कक्षा 5 से 8 के छात्रों के लिए स्कूल फिर से खोल दिया है, जहां 78.47 लाख छात्र नामांकित हैं। उन्होंने कहा कि कक्षाएं मुख्य रूप से विज्ञान, गणित और अंग्रेजी भाषा जैसे विषयों पर केंद्रित होंगी, जिससे छात्रों को कम किताबें लानी होगी। शिक्षा विभाग ने अभिभावकों से कहा है कि वे अपने बच्चे को पीने के पानी की एक बोतल अवश्य दें।