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Maharashtra: अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष से मिले समीर वानखेड़े

Maharashtra समीर वानखेड़े ने मुंबई में अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हालदार से मुलाकात कर खुद पर लग रहे धर्म परिवर्तन संबंध आरोपों पर सफाई दी। हालदार ने कहा कि अनुसूचित जाति के किसी अधिकारी पर यदि कोई जातिगत आधार पर आरोप लगाएगा तो आयोग चुप नहीं बैठेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 30 Oct 2021 06:01 PM (IST)Updated: Sat, 30 Oct 2021 07:41 PM (IST)
Maharashtra: अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष से मिले समीर वानखेड़े
समीर वानखेड़े ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हालदार से की मुलाकात। फोटो एएनआइ

मुंबई, राज्य ब्यूरो। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने शनिवार को मुंबई में अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हालदार से मुलाकात कर खुद पर लग रहे धर्म परिवर्तन संबंध आरोपों पर सफाई दी। उनके द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट नजर आ रहे हालदार ने कहा कि अनुसूचित जाति के किसी अधिकारी पर यदि कोई जातिगत आधार पर आरोप लगाएगा तो राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग चुप नहीं बैठेगा। समीर वानखेड़े ने कुछ दिनों पहले ही राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में खुद पर व अपने परिवार पर लग रहे धर्म परिवर्तन संबंधीं आरोपों को लेकर अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत भेजी थी। यह शिकायत मिलने के बाद आयोग ने राज्य सरकार से 10 दिन में जवाब देने को कहा है, लेकिन इसी बीच मुंबई पहुंचे आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हालदार से समीर वानखेड़े ने खुद उनके पास जाकर मुलाकात की और अपनी जाति से संबंधित सभी कागजात एवं प्रमाणपत्र उन्हें दिखाए।

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अरुण हालदार ने कही ये बात

इस मुलाकात के बाद स्वयं वानखेड़े तो मीडिया से बात करने से कतरा गए, लेकिन आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हालदार ने पत्रकारों से खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि समीर वानखेड़े ने उन्हें अपनी जाति से संबंधित जो कागजात दिखाए हैं, उन्हें देखकर तो लगता है कि वह अनुसूचित जाति के तहत आने वाले महार समाज से ही हैं। उनकी मां मुस्लिम थीं, जिनका देहांत हो चुका है। उनकी पहली शादी मुस्लिम से हुई थी, लेकिन उसका पंजीकरण स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुआ था, जिसमें अंतरधार्मिक विवाह मान्य है। उनकी दूसरी पत्नी हिंदू हैं, और उन्होंने अपने बेटे का नाम भी हिंदू ही रखा है। अरुण हालदार के अनुसार जाति प्रमाणपत्र पिता के रक्त संबंध से ही मिलता है। चूंकि उनके पिता महार समाज से हैं, इसलिए समीर को भी अनुसूचित जाति का ही प्रमाणपत्र मिला है।

सरकार को दस दिन में देना होगा जवाब

अरुण हालदार ने कहा कि अनुसूचित जाति से आने वाले अधिकारी समीर वानखेड़े निडर होकर अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने शिकायत की है कि उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। आयोग ने इस संबंध में राज्य सरकार से 10 दिन में जवाब देने को कहा है। हालांकि अभी 10 दिन पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन मेरे मुंबई आने पर समीर वानखेड़े ने खुद मुझसे मिलकर अपने सारे कागजात दिखाए हैं, और पूरे मामले की जानकारी भी दी है। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक द्वारा समीर वानखेड़े पर की जा रही टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर हालदार ने कहा कि फिलहाल मैं किसी पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन एक बात मैं जरूर कहूंगा कि यदि आयोग के सामने वानखेड़े का अनुसूचित जाति से होना सिद्ध हो गया तो जो व्यक्ति उन पर गलत दबाव डाल रहा है, उस पर अनुसूचित जाति आयोग की धारा 338 के तहत कार्रवाई की जाएगी। उसे माफ नहीं किया जाएगा।

जानें, क्या है मामला

गौरतलब है कि राकांपा प्रवक्ता व महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक अभिनेता शाह रुख खान के पुत्र आर्यन खान की एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तारी के बाद से ही एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े पर धर्म परिवर्तन करने व आइआरएस की नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाणपत्र देने का आरोप लगाते आ रहे हैं। मलिक ने वानखेड़े की नौकरी ले लेने एवं जेल भेजने की धमकी भी दी है। जबकि वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े अपने मूल गांव व पिछली दो पीढ़ियों का जाति विवरण पेश कर बता चुके हैं कि वह अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाली महार जाति से ताल्लुक रखते हैं।

नवाब मलिक बोले, मेरी किसी से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं

दूसरी ओर, नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि मेरी किसी से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। मेरी लड़ाई सिर्फ उस फर्जीवाड़े के खिलाफ है, जो समीर वानखेडे की ओर से चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े ने पैसे वसूलने व प्रचार हासिल करने के लिए अपनी एक निजी सेना बना रखी है। फ्लेचर पटेल और किरण गोसावी जैसे लोग इस सेना के सदस्य हैं। ऐसे निजी लोगों की मदद से ही वानखेड़े एनसीबी कार्रवाई की आड़ में लोगों को फर्जी तरीके से फंसाने का काम करते हैं। आर्यन खान के खिलाफ भी इसी तरह का फर्जी मामला बनाया गया था।


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