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Maharashtra: मनसुख हिरेन की हत्या वाले दिन सचिन वाझे ने फेरीवाले से खरीदे थे कई रुमाल

Maharashtra एनआइए को शक है कि चार मार्च को मनसुख से मिलने से पहले हत्यारोपित सचिन वाझे ने उसी फेरीवाले से रुमाल का सेट खरीदा था। एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने उस जगह का सीसीटीवी फुटेज मंगवाया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 10:19 PM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 10:19 PM (IST)
Maharashtra: मनसुख हिरेन की हत्या वाले दिन सचिन वाझे ने फेरीवाले से खरीदे थे कई रुमाल
मनसुख हिरेन की हत्या वाले दिन सचिन वाझे ने फेरीवाले से खरीदे थे कई रुमाल। फाइल फोटो

फैजान खान (मिडे डे), मुंबई। Maharashtra: मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में एक नई जानकारी सामने आई है। इस मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कलवा रेलवे स्टेशन के बाहर रुमाल बेचने वाले एक फेरीवाले का बयान दर्ज किया है। एनआइए को शक है कि चार मार्च को मनसुख से मिलने से पहले हत्यारोपित सचिन वाझे ने उसी फेरीवाले से रुमाल का सेट खरीदा था। एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने उस जगह का सीसीटीवी फुटेज मंगवाया है, जहां वाझे जैसे डीलडौल का आदमी फेरीवाले से रुमाल खरीदते दिख रहा है। एजेंसी को शक है कि हत्या के बाद उन्हीं रुमालों को मनसुख के मुंह में ठूंस दिया गया था। पांच मार्च को हिरेन का शव खाड़ी में पाया गया तो उसे मंकी कैप पहनाई हुई थी और उसके मुंह में कई रुमाल ठूंसे मिले थे। ठाणे पुलिस ने शव की बरामदगी के समय का वीडियो बनाया था।

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दरअसल वाझे और उसके अन्य साथियों के खिलाफ एनआइए ऐसा मजबूत केस बना रही है कि सभी को सजा जरूर हो। इसी कारण हर सुबूत को बहुत सावधानी के साथ जमा किया जा रहा है। शातिर दिमाग वाझे ने जांच एजेंसी को शुरू में बरगलाने की कोशिश की मनसुख की हत्या वाले दिन वह ठाणे नहीं, मुंबई में था। लेकिन जांच एजेंसी ने कई साक्ष्यों के आधार पर उसके दावे की धज्जियां उड़ा दीं। एनआइए ने कई सीसीटीवी फुटेज पेश कर चार मार्च को उसे लोकल ट्रेन से ठाणे आते दिखाकर उसकी बोलती बंद कर दी। वाझे ने उस दिन अपना मोबाइल फोन कमिश्नर के आफिस में छोड़ दिया था ताकि उसकी लोकेशन मुंबई में ही दिखाई दे। वाझे रात करीब साढ़े आठ बजे कलवा स्टेशन पहुंचा। एनआइए को शक है कि यहीं पर वाझे ने रुमाल खरीदे। एनआइए ने हालांकि यह नहीं बताया कि उस फेरीवाले ने वाझे की शिनाख्त की या नहीं। मनसुख की हत्या की शुरुआती जांच करने वाली एटीएस ने सुबुत के तौर पर इन रुमालों को अपने कब्जे में लेकर जांच के लिए कलीना स्थित फोरंसिक लैब भेज दिया था। एटीएस को इन रुमालों में क्लोरोफार्म लगाने का शक था। मनसुख के शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि उसे बेहोशी की हालत में पानी में फेंका गया था।


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