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Maharashtra: महाविकास अघाड़ी में बढ़ती ही जा रही रार, शिवसेना विधायक ने उद्धव को पीएम मोदी से सुलह की दी सलाह

Maharashtra महाविकास अघाड़ी सरकार के नेता भले ही अपनी सरकार के पांच साल पूरे होने का दावा करते रहें लेकिन सच तो यह है कि तीन दलों के इस गठबंधन में रार और तकरार बढ़ती ही जा रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 08:44 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 07:01 AM (IST)
Maharashtra: महाविकास अघाड़ी में बढ़ती ही जा रही रार, शिवसेना विधायक ने उद्धव को पीएम मोदी से सुलह की दी सलाह
महाविकास अघाड़ी में बढ़ती ही जा रही रार और तकरार, फाइल फोटो

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी सरकार के नेता भले ही अपनी सरकार के पांच साल पूरे होने का दावा करते रहें, लेकिन सच तो यह है कि तीन दलों के इस गठबंधन में रार और तकरार बढ़ती ही जा रही है। शिवसेना के एक विधायक द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी गई चिट्ठी से यह रार सतह पर आ गई है। अक्सर सरकार में शिवसेना की तरफ से अग्रिम मोर्चा संभालने वाले विधायक प्रताप सरनाइक ने अपने पार्टी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कहा है कि हम आपके नेतृत्व में विश्वास करते हैं। लेकिन कांग्रेस और राकांपा हमारी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। मेरा मानना है कि आप अगर प्रधानमंत्री मोदी के और करीब आ जाएं तो बेहतर होगा। अगर हम फिर साथ आ जाएं तो पार्टी और कार्यकर्ताओं को फायदा होगा। प्रताप सरनाइक ने अपने पत्र में अपनी पार्टी को हो रहे नुकसान का खुलकर जिक्र करते हुए लिखा है कि राकांपा और कांग्रेस अपना मुख्यमंत्री चाहते हैं।

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कांग्रेस अकेले लड़ना चाहती है और राकांपा शिवसेना से नेताओं को तोड़ने की कोशिश कर रही है। लगता है कि केंद्र से उन्हें परोक्ष समर्थन मिल रहा है। क्योंकि कोई केंद्रीय एजेंसी राकांपा के पीछे नहीं है। जबकि ये एजेंसियां हमारी गलती के बिना हमें निशाना बना रही हैं। अगर आप पीएम नरेंद्र मोदी के करीब आते हैं तो शिवसेना नेताओं व उनके परिवारों की पीड़ा समाप्त हो जाएगी। हालांकि यह पत्र लिखते हुए सरनाइक को शायद यह स्मरण नहीं रहा कि 100 करोड़ वसूली के मामले में तीन-तीन केंद्रीय एजेंसियां राकांपा नेता अनिल देशमुख की जांच कर रही हैं।

सरनाइक का यह पत्र हाल ही में दिए गए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के उस बयान के बाद लिखा गया है, जिसमें पटोले ने कांग्रेस के अगला चुनाव अकेले लड़ने की बात कही थी। नाना पटोले ने रविवार को भी पत्रकारों से बात करते हुए अपनी बात दोहराई। यह गठबंधन पांच वर्ष के लिए हुआ था। हमने भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए महाविकास अघाड़ी बनाई थी। यह कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है। हर पार्टी को स्वयं को मजबूत करने का अधिकार है। पटोले के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में जो अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं, यदि वे ऐसा करेंगे, तो क्या हम चुप बैठे रहेंगे?

आने वाले दिनों में पार्टी की क्या भूमिका रहेगी, यह पार्टी की 55वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री स्पष्ट कर चुके हैं। जिसे अकेले लड़ना है, वो लड़े। शिवसेना ने राजनीतिक लड़ाई अपनी ताकत पर लड़ी है। चाहे गठबंधन हो या न हो, लेकिन लड़ाई अपनी ताकत पर ही लड़ी जाती है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शनिवार को पार्टी की 55वीं वर्षगांठ पर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि जो लोग आम जनता की समस्याओं का समाधान करने के बजाय अकेले लड़ने की बात करते हैं, जनता उन्हें पीटेगी। हालांकि अपने बयान में नाना पटोले ने उद्धव के इस कथन को नजरंदाज करते हुए कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि मुख्यमंत्री ने यह बात किसके संदर्भ में कही है। 


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