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Bombay High Court में गृह विभाग की याचिका पर आदेश सुरक्षित, अनिल देशमुख मामले में CBI की FIR को लेकर की थी ये मांग

महाराष्ट्र गृह विभाग द्वारा दायर की गई याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। इस याचिका में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की प्राथमिकी से कुछ हिस्से को रद किए जाने की मांग की गई थी।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 07:50 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 07:58 AM (IST)
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख

मुंबई, एएनआइ। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने बुधवार को महाराष्ट्र के गृह विभाग (Maharashtra Home Department) द्वारा दायर की गई याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। इस याचिका में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) और अन्य के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई (CBI) की प्राथमिकी (FIR) से कुछ हिस्से को हटाने की मांग की गई थी।

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महाराष्ट्र सरकार दायर की गई इस याचिका में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में लगे आरोपों को लेकर सीबीआई की जांच के दायरे से दो विषयों को हटाने की मांग की गई थी। मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर सुनवाई की मांग की थी लेकिन 27 मई को सुनवाई स्थगित हो गई थी। इसके बाद बुधवार को न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई कर आदेश सुरक्षित रख लिया है।

प्राथमिकी से दो पैराग्राफ रद करने की मांग

राज्‍य सरकार की ओर से दायर की गई इस याचिका में सीबीआई की प्राथमिकी से दो पैराग्राफ रद करने की मांग की गई है। इसमें एजेंसी ने सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे की बहाली और गृह विभाग से पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण पर संचार की मांग की गई है। वहीं इस मामले में पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी से अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई न किए जाने को कहा था। जबकि इस मामले में 21 मई का हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने सीबीआई के जांच के दायरे पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इन मुद्दों का अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। राज्‍य सरकार का ये भी कहना था कि सीबीआई ने प्रक्रिया का पालन नहीं किया और न ही राज्‍य सरकार से इस मामले में कोई स्वीकृति ली।


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