Coronavirus: कोरोना पर काबू पाने के लिए यूपी-बिहार मॉडल का हो अध्ययनः ओएमएजी
Coronavirus आर्गनाइज्ड मेडिसिन अकेडमिक गिल्ड (ओएमएजी) ने वैज्ञानिकों व प्रशासनिकों से उत्तर प्रदेश और बिहार के मॉडल का अध्ययन करने का सुझाव दिया है जो बड़े राज्य होने के बावजूद कोरोना महामारी पर काबू पाने में सफल रहे हैं।
मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Coronavirus: महाराष्ट्र में पुनः बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या देखकर स्वास्थ्य विभाग के लोगों के माथे पर बल पड़ने लगे हैं। आर्गनाइज्ड मेडिसिन अकेडमिक गिल्ड (ओएमएजी) ने वैज्ञानिकों व प्रशासनिकों से उत्तर प्रदेश और बिहार के मॉडल का अध्ययन करने का सुझाव दिया है, जो बड़े राज्य होने के बावजूद कोरोना महामारी पर काबू पाने में सफल रहे हैं। ओएमएजी के महासचिव डॉ. आइएस गिलाडा कहते हैं कि एक समय बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की गिनती बीमारू राज्यों में होती थी। लेकिन कोविड-19 के दौरान इन राज्यों ने बेहतरीन माडल प्रस्तुत किया है। विशेषकर उत्तर प्रदेश और बिहार में तो कुल किए गए कोविड टेस्ट के क्रमशः 1.2 फीसद व 1.9 फीसद मामले ही पाजिटिव के रूप में सामने आए। जबकि राष्ट्रीय औसत पांच फीसद व महाराष्ट्र का औसत 13.2 फीसद रहा है।ो
डॉ. गिलाडा एड्स सोसायटी आफ इंडिया के अध्यक्ष व इंटरनेशनल एड्स सोसायटी की गवर्निंग काउंसिल के भी सदस्य हैं। दैनिक जागरण से बात करते हुए गिलाडा कहते हैं कि उत्तर प्रदेश की आबादी महाराष्ट्र की तुलना में लगभग दोगुनी है। लेकिन वहां कोविड रोगियों की संख्या महाराष्ट्र की एक चौथाई ही रही। जोकि आनुपातिक दृष्टि से महाराष्ट्र की 1:8 या 12 फीसद ही बैठती है। बिहार की आबादी महाराष्ट्र के लगभग बराबर ही है। लेकिन वहां भी एक दिन पहले तक महाराष्ट्र के 11.6 फीसद ही मामले सामने आए। डॉ. गिलाडा के अनुसार, एक दिन पहले बिहार में सिर्फ 44 व उत्तर प्रदेश में सिर्फ 121 मामले सामने आए। जबकि महाराष्ट्र में एक दिन में 13659 मामले सामने आए। उत्तर प्रदेश और बिहार में समय पर किया गया लॉकडाउन, सख्त कटेनमेंट जोन बनाने की रणनीति, ज्यादा मात्रा में टेस्टिंग, जो भी कारण रहा हो, लेकिन ये दोनों राज्य अपने को अव्वल रखने में सफल रहे। लेकिन गिलाडा के अनुसार ये दोनों राज्य अभी अपने लोगों को वैक्सीन देने में पिछड़ते दिख रहे हैं। जहां इन दोनों राज्यों को वैक्सिनेशन तेज करना चाहिए। वहीं, कोरोना के बढ़ते मामलों वाले राज्यों व प्रशासन को इन दोनों राज्यों का एक माडल के तौर पर अध्ययन करना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने दिए राज्य के कुछ भागों में लॉकडाउन के संकेत
महाराष्ट्र में कोरोना रोगियों की संख्या में अचानक आई बढ़ोतरी को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के कुछ भागों में लाक डाउन के संकेत दिए हैं। वीरवार को मुंबई के जेजे अस्पताल में स्वयं कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ठाकरे ने कहा कि कोरोना वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित है। लोगों को अपने मन में इसके प्रति कोई शंका नहीं पालनी चाहिए। किसी तरह के किंतु-परंतु में नहीं पड़ना चाहिए। जो लोग वैक्सीन लेने के पात्र हैं, उन्हें तुरंत वैक्सीन लेनी चाहिए। उद्धव ने कहा कि राज्य में कोरोना का प्रभाव फिर से बढ़ता दिखाई दे रहा है। ऐसे में कुछ हिस्सों में सख्ती बरतने की जरूरत पड़ सकती है। लोगों को भी इस बारे में सावधान रहना चाहिए। महाराष्ट्र के ही नागपुर शहर में 15 से 21 मार्च तक पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है। इस दौरान वहां किसी को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। सिर्फ जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुली रहेंगी। दरअसल, नागपुर में बुधवार को एक ही दिन में कोरोना के 1710 नए मामले सामने आए। 173 दिन बाद एक दिन में ये सबसे अधिक मामले सामने आने के बाद सरकार को सख्त कदम उठाने पर बाध्य होना पड़ा है। विदर्भ के ही अमरावती में भी सीमित अवधि का लॉकडाउन किया जा चुका है। मराठवाड़ा के औरंगाबाद व मुंबई महानगर में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।