Move to Jagran APP

महाराष्ट्र में कैदियों की रिहाई संबंधी आदेश की गलत व्‍याख्‍या पर राज्‍य सरकार को NHRC का नोटिस

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक शिकायत का संज्ञान लिया है शिकायतकर्ता का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार ने जेल में बंद कैदियों की रिहाई के बारे में अनुपयुक्त रुख अपनाया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 10:13 AM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 10:13 AM (IST)
महाराष्ट्र में कैदियों की रिहाई संबंधी आदेश की गलत व्‍याख्‍या पर राज्‍य सरकार को NHRC का नोटिस
महाराष्ट्र में कैदियों की रिहाई संबंधी आदेश की गलत व्‍याख्‍या पर राज्‍य सरकार को NHRC का नोटिस

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने कोरोना महामारी के बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर कैदियों की रिहाई को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या करने के आरोपों को लेकर महाराष्ट्र सरकार और राज्य के कारागार प्रमुख को नोटिस जारी किये हैं। इसकी शिकायत आयोग की कारागार निगरानीकर्ता माजा दारूवाला द्वारा ने की है। 

loksabha election banner

 आयोग ने एक बयान में कहा गया है कि ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक शिकायत का संज्ञान लिया है, इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने जेल में बंद कैदियों की रिहाई के बारे में अनुपयुक्त रुख अपनाया है जो कोरोना से कई कैदियों के संक्रमित होने की वजह बन सकता है।' 

 एनएचआरसी ने कहा कि इस विषय में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की गलत व्याख्या करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने जेलों में भीड़ कम करने की एक नीति अपनायी है। आयोग ने कहा कि उसने राज्य के मुख्य सचिव और महानिदेशक (कारागार) को शिकायत की प्रति भेज कर चार हफ्तों के अंदर विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है।

 गौरतलब है कि बीती 12 मई को महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त उच्चस्तरीय समिति ने कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रदेश भर में जेलों में बंद 50 फीसदी कैदियों को अस्थायी रूप से रिहा करने का निर्णय किया है। बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति ए ए सैयद, राज्य के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय चांडे और महाराष्ट्र के महानिदेशक जेल एसएन पांडे की समिति ने मार्च में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोरोनो संक्रमण  के प्रकोप के कारण देश भर की जेलों का विघटन करने का भी आह्वान किया गया था।

सरकार द्वारा गठित समिति ने राज्य भर की जेलों से लगभग 50 प्रतिशत कैदियों को अस्थायी जमानत या पैरोल पर रिहा करने का फैसला लिया। हालांकि, जेल अधिकारियों को इन कैदियों को रिहा करने के लिए कोई समय सीमा नहीं बताई गई है। समिति ने कहा कि इससे जेलों में कैदियों की संख्या में काफी कम हो जाएगी। इससे 35,239 कैदियों में से लगभग 50 प्रतिशत कैदियों को रिहा करने की उम्मीद है। 

समितियों ने ये फैसला मध्य मुंबई में आर्थर रोड जेल के 100 से अधिक कैदियों और स्टाफ सदस्यों के कोरोना संक्रमित होने के बाद लिया गया है। समिति का कहना है कि  जेल प्रशासन कैदियों को रिहा करने से पहले कानून की प्रक्रिया का पालन करेगा।

Coronavirus Mumbai: मुंबई के KEM अस्‍पताल का वीडियो फिर हुआ वायरल, भाजपा नेता ने लगाया ये आरोप

Coronavirus Gujarat: कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सैलून कर्मचारी PPE Kit पहन काट रहे हैं बाल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.