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Bhandara Hospital Fire: भंडारा के जिला अस्पताल में आग से 10 शिशुओं की मौत पर एनएचआरसी ने भेजा नोटिस

Bhandara Hospital Fire राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने महाराष्ट्र के भंडारा के जिला अस्पताल में दस शिशुओं की मौते के मामले में महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। एनएचआरसी ने मुख्य सचिव व डीजीपी व महाराष्ट्र सरकार को चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट के लिए नोटिस जारी किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 06:16 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 06:16 PM (IST)
Bhandara Hospital Fire: भंडारा के जिला अस्पताल में आग से 10 शिशुओं की मौत पर एनएचआरसी ने भेजा नोटिस
भंडारा के अस्पताल में आग से 10 शिशुओं की मौत पर एनएचआरसी ने भेजा नोटिस। फाइल फोटो

मुंबई, एएनआइ। Bhandara Hospital Fire: भंडारा जिले के अस्पताल में आग लगने से 10 शिशुओं की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। एनएचआरसी ने मुख्य सचिव और डीजीपी व महाराष्ट्र सरकार को चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट के लिए नोटिस जारी किया है। रविवार को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने अस्पताल का दौरा कर मामले की जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में भाजपा पहले ही महाराष्ट्र सरकार से जांच की मांग कर चुकी है। इस मसले में उद्धव ठाकरे सरकार की खूब किरकिरी हुई है। 

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आग लगने के स्पष्ट कारणों का अभी पता नहीं लग सका है। हालांकि, बिजली के शार्ट सíकट से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। राज्य सरकार ने मारे गए बच्चों के परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। अस्पताल के सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट में शुक्रवार-शनिवार की मध्यरात्रि करीब 1.30 बजे आग लग गई। उस समय इस वार्ड में एक माह से तीन माह के 17 नवजात शिशु रखे गए थे। सबसे पहले एक नर्स ने आग देखी और अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों एवं सुरक्षाकíमयों को सूचित किया। जल्द ही आग बुझाने की कोशिश शुरू कर दी गई।

इसके बावजूद सिर्फ सात शिशुओं को सुरक्षित निकाला जा सका। तीन शिशुओं की जलने से एवं सात की दम घुटने से मौत हो गई। सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद खंडाते के अनुसार वार्ड में अग्निशमन यंत्र मौजूद थे। अस्पताल के कर्मचारियों ने उनका उपयोग कर आग बुझाने की कोशिश भी की। लेकिन वार्ड में धुआं अधिक भर जाने के कारण ज्यादातर शिशुओं की दम घुटने से मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने जल्दी ही वार्ड की खिड़कियों को खोल दिया था। इसके बावजूद 10 बच्चों को बचाया नहीं जा सका। विपक्षी दल भाजपा ने सरकार पर अस्पताल की सुरक्षा में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है। 


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