शिवसेना ने भाजपा को चिढ़ाने के लिए नवाजुद्दीन को बनाया ठाकरे?
भी तक नवाज का इस फिल्म में होना अटकलों तक सीमित था, बल्कि इस भूमिका के लिए अजय देवगन, अक्षय कुमार जैसे कलाकारों के नामों की चर्चा रही।
मुंबई, अनुज अलंकार। तमाम अटकलों के बाद ये तय हो गया कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की जिंदगी पर बन रही फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी उनकी भूमिका निभाएंगे। सोशल मीडिया पर इस फिल्म में नवाज का पहला लुक जारी किया, जिसमें वे बालासाहेब ठाकरे के गेटअप में नजर आ रहे हैं। अभी तक नवाज का इस फिल्म में होना अटकलों तक सीमित था, बल्कि इस भूमिका के लिए अजय देवगन, अक्षय कुमार जैसे कलाकारों के नामों की चर्चा रही।
शिवसेना की ओर से जल्दी ही इस फिल्म को लेकर एक बड़ा समारोह भी होगा, जिसमें पार्टी केप्रमुख उद्धव ठाकरे शामिल होंगे। ठाकरे परिवार के करीबी अमिताभ बच्चन इस समारोह में फिल्म का पहला टीजर रिलीज करेंगे। ये फिल्म मराठी और हिंदी में एक साथ बनाई जाएगी और 2018 में इसे नवंबर में बाला साहेब की पुण्यतिथि पर रिलीज करने की योजना है। इसे अंग्रेजी और दूसरी प्रादेशिक भाषाओं में डब करके दूसरे राज्यों में भी रिलीज किया जाएगा। अभिजीत फंसे इस फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं।
बाला साहेब ठाकरे के रोल में नवाजुद्दीन के चयन ने भाजपा और शिवसेना को एक दूसरे के खिलाफ चुटकी लेने का मौका दे दिया। पिछले साल ही नवाजुद्दीन को मुस्लिम होने की वजह से यूपी में मुजफ्फरनगर के पास पैतृक गांव बुढ़ाना में रामलीला में भाग लेने से रोक दिया गया था। भाजपा नेताओं ने नवाज के विरोध में अहम भूमिका निभाई थी।
इस फिल्म के लेखन में शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत अहम भूमिका निभा रहे हैं। दिल्ली की सत्ता में संजय राउत ही शिवसेना की ओर से भाजपा के विरोधी चेहरे माने जाते हैं और कहा जा रहा है कि बाला
साहेब के रोल में नवाजुद्दीन के चयन में संजय राउत का हाथ रहा है। भाजपा के नेता इस फिल्म को लेकर इसलिए भी उत्सुक हैं कि फिल्म में शिवसेना और भाजपा के रिश्तों को किस नजरिए से दिखाया जाएगा। संजय राउत इस
फिल्म के साथ हैं, तो माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों में दोस्ती कम, दुश्मनी का रिश्ता ज्यादा दिखाया जा सकता है।
भाजपा नेताओं ने नवाजुद्दीन की कास्टिंग से पल्ला झाड़ा है, लेकिन एक नेता ने चुटकी लेते हुए ये जरूर याद दिलाया कि नवाज कुछ दिनों पहले अपनी एक किताब को लेकर विवादों में आ गए थे। इस किताब में उन्होंने महिला कलाकारों के साथ अपने रिश्तों के रंगीन किस्सों को बयां किया था, जिनको लेकर मामला महिला आयोग तक जा पहुंचा था और नवाज को किताब मार्केट से वापस लेनी पड़ी थी। भाजपा के एक नेता ने कहा कि बाला साहेब की भूमिका में साफ छवि के किसी अभिनेता को लिया जाता, तो ज्यादा बेहतर होता। ये उनका मामला है, जिससे हमारा सरोकार नहीं है। शिवसेना के एक नेता का तर्क भी दिलचस्प है कि बाला साहेब खुद कलाकार थे और शिवसेना ने कलाकारों को धर्म के नजरिए से नहीं देखा।