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Aarey Forest: मुंबई मेट्रो ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे

Aarey Forest. मेट्रो प्रशासन का कहना है कि कानूनी अड़चनों के कारण कारशेड निर्माण का काम शुरू होने में पहले ही छह माह की देरी हो चुकी है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 06:16 PM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2019 01:06 PM (IST)
Aarey Forest: मुंबई मेट्रो ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे
Aarey Forest: मुंबई मेट्रो ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे

राज्य ब्यूरो, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट न्यायालय के स्थगन से पहले ही मुंबई की आरे कॉलोनी में 2,141 पेड़ काटे जा चुके थे। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसीएल) का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा और अब पेड़ नहीं काटे जाएंगे। मुंबई मेट्रो का कहना है कि कारशेड-3 का काम समय पर पूरा कर लिया जाएगा। मेट्रो प्रशासन का कहना है कि कानूनी अड़चनों के कारण कारशेड निर्माण का काम शुरू होने में पहले ही छह माह की देरी हो चुकी है। लेकिन कोशिश की जाएगी कि यह काम समय पर पूरा कर लिया जाए।

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एमएमआरसीएल का यह भी कहना है कि वह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पूरा पालन करेगी, और अब कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा। सिर्फ कटे हुए पेड़ों की सफाई कर जल्दी ही वहां कारशेड निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा। एमएमआरसीएल की तरफ से यह भी कहा गया है कि इन पेड़ों को काटने से पहले 23,846 पेड़ लगाए जा चुके हैं, और 25 हजार पौधे वृक्षारोपण के लिए बांटे जा चुके हैं।

दूसरी पेड़ों की कटाई का विरोध करने के आरोप में गिरफ्तार सभी लोगों को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद रिहा कर दिया गया। रविवार को ही अवकाशकालीन अदालत ने इन्हें 7000 रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। इनमें 24 पुरुष आंदोलनकारियों को ठाणे सेंट्रल जेल में रखा गया था, जबकि पांच महिलाओं को भायखला स्थित महिला जेल में।

धारा 144 में ढील

मुंबई पुलिस का कहना है कि 16 वर्ग किलोमीटर में फैली आरे मिल्क कॉलोनी से धारा 144 अभी भी हटाई नहीं गई है। सिर्फ इसमें कुछ ढील दी गई है। ताकि इसके अंदर रहनेवाले लोग बाहर आ-जा सकें।

शिवसेना ने अपनी जीत बताया

शिवसेना ने पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश को अपनी और आंदोलनकारियों की जीत बताया। बता दें कि सरकार में शामिल रहने के बावजूद शिवसेना आरे मिल्क कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध करती आ रही है।

सरकारी की तेजी की आलोचना

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने जल्दबाजी में पेड़ों की कटाई के लिए राज्य सरकार की निंदा की है। राज्य सरकार पर कार्यकर्ताओं और आम लोगों की आवाज को दबाने का भी आरोप लगाया है।

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