Mumbai Building Collapse: डोंगरी इलाके में 100 साल पुरानी इमारत गिरी, 12 की मौत; पीएम मोदी ने दुख जताया
Mumbai Building Collapse. मुंबई के डोंगरी इलाके में एक चार मंजिला इमारत ढह गई। हादसे में 12 लोगों के मारे जाने की सूचना है जबकि 40 के दबे होने की आशंका है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Mumbai Building Collapse दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में करीब 100 साल पुरानी चार मंजिला इमारत ढह गई। इस हादसे में अब तक 12 लोगों के मारे जाने की सूचना है। 20 से अधिक लोग अब भी मलबे में दबे हैं।
हादसा पूर्वान्ह करीब 11.40 बजे हुआ। जेजे हॉस्पिटल के नजदीक डोंगरी के नाम से जाने जाने वाले इलाके में स्थित केसरबाई बिल्डिंग का आधा हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा। सूत्रों के अनुसार, हादसे के समय इमारत में करीब 15 परिवारों के 40 से अधिक लोग थे। दिन का समय होने के कारण ज्यादातर पुरुष काम पर निकल चुके थे। घटनास्थल से थोड़ी ही दूर डोंगरी पुलिस थाना भी है। हादसे के तुरंत बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से लोगों को मलबे से निकालने का काम शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में दमकल विभाग एवं एनडीआरएफ ने भी पहुंचकर राहत और बचाव का मोर्चा संभाल लिया। लेकिन हादसे की जगह अत्यंत संकरी गलियों में होने के कारण जेसीबी जैसी भारी मशीनों का पहुंचना मुमकिन नहीं था। इससे बचावकार्य में दिक्कतें बढ़ गईं। स्थानीय लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर मलबा हटाने की शुरुआत की तो दबे लोगों को निकाला जा सका।
मलबे से निकाले गए घायलों को पास ही स्थित जेजे अस्पताल में भेजा गया। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) के अध्यक्ष उदय सामंत के अनुसार हादसे में शाम तक 12 लोग मारे जा चुके थे। लेकिन पुलिस ने चार लोगों के ही मारे जाने की पुष्टि की है। दुर्घटना के कारणों को लेकर भी मुंबई महानगरपालिका एवं म्हाडा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। म्हाडा अध्यक्ष उदय सामंत ने स्वीकार किया कि म्हाडा ने में इस क्षेत्र की इमारतों की मरम्मत की जिम्मेदारी निजीक्षेत्र के एक ठेकेदार को दी थी। लेकिन 2012 से 2019 तक इस क्षेत्र में मरम्मत का कोई काम नहीं हुआ।
सामंत का कहना है कि इस हादसे के जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी घटना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुर्घटना पर दुख जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। शाम तक दो बच्चों एवं सात महिलाओं को मलबे से बाहर निकाला जा चुका था।
गौरतलब है कि 2017 में भी इसी इलाके की पाकमोडिया स्ट्रीट पर एक चार मंजिला इमारत ढह जाने से 33 लोग मारे गए थे। इस इलाके में ज्यादातर इमारतें 70 से 100 साल पुरानी हैं। माना जा रहा है कि पिछले 10 दिनों से मुंबई में हो रही भारी बरसात के कारण हुए जलभराव एवं तेज हवाओं ने केसरबाई इमारत को कमजोर कर दिया था। इस इलाके की एक दर्जन से ज्यादा इमारतों को म्हाडा द्वारा जर्जर बताकर खाली करने की नोटिस दी जा चुकी है। सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट यहां से कुछ ही दूर स्थित भिंडी बाजार की अत्यंत घनी बस्ती की पुरानी इमारतों को हटाकर पूरे इलाके को नए सिरे से विकसित करने का काम शुरू कर चुका है। इसके बावजूद वर्षों से इसी क्षेत्र में रहते आ रहे ज्यादातर लोग इमारतें खाली करने को तैयार नहीं होते।
मुंबई महानगरपालिका से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 1996 से अब तक इस क्षेत्र में 17 इमारतें ढह चुकी हैं, जिनमें 267 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सर्वाधिक 61 लोग इस क्षेत्र से कुछ ही दूर स्थित बाबू गेनू रोड की एक इमारत ढहने से मारे गए थे। यह हादसा सितंबर 2013 में हुआ था। बीएमसी ने कुछ वर्ष पहले मुंबई की 791 इमारतों को अत्यंत खतरनाक घोषित किया था। इनमें से 186 इमारतें ध्वस्त की जा चुकी हैं और 117 खाली करवाई जा चुकी हैं। शेष में अभी भी लोग रह रहे हैं।
मुंबई पुलिस ने लोगों से विनम्र अनुरोध किया है कि केसरभाई इमारत के मलबे वाले स्थान से दूर रहें, जिससे बचाव कार्य करने में असुविधा न हो।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा 7 अगस्त 2017 को जारी किए गए एक पत्र में पहले ही आगाह कर दिया गया था कि इस भवन को सी1 के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जल्द से जल्द विध्वंस के लिए खाली कर दिया जाए ... किसी भी दुर्घटना की स्थिति में कार्यालय इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा।
#WATCH Mumbai: A woman being rescued by NDRF personnel from the debris of the building that collapsed in Dongri, today. 2 people have died & 7 people have been injured in the incident. #Maharashtra pic.twitter.com/tmzV3Dmm7C — ANI (@ANI) July 16, 2019
मुंबई के डोंगरी इलाके में इमारत ढहने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुझे जो शुरुआती जानकारी मिली है, उसमें लगभग 15 परिवारों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। यह इमारत लगभग 100 वर्ष पुरानी थी। हमारा पूरा ध्यान मलबे में फंसे हुए लोगों को बचाने पर है। इस मामले में जांच की जाएगी।
हादसे में घायल एक बच्चे को मलबे से बाहर निकाला गया है, उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया हैं जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत स्थिर बतायी है।
डोंगरी में इमारत ढहने के बाद बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने इमामवाड़ा म्युनिसिपल सेकेंडरी गर्ल्स स्कूल में लोगों के लिए एक आश्रय खोला है।
गली अधिक संकरी होने की वजह से बचाव कार्य में काफी दिक्कत हो रही है लोग मानव श्रृंखला बनाकर लोगों को मलबे से बाहर निकाल रहे हैं। गली में मलबा फैले होने की वजह से चार किमी जाम लगा हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इमारत सौ साल से भी पुरानी थी, लेकिन जर्जर हालत में नहीं थी, इसे देखकर नहीं लगता था कि ये गिर जाएगी। बीएमसी महानगर में मौजूद खतरनाक इमारतों की सूची बनाती है, लेकिन इस इमारत का नाम उनकी लिस्ट में नहीं था।
वृहत मुंबई कारपोरेशन (बीएमसी) के मुताबिक, सुबह 11 बजकर 48 मिनट पर डोंगरी के टांडेल गली में केसरबाई नाम की बिल्डिंग का आधा हिस्सा गिर गया। यह बिल्डिंग अब्दुल हमीद शाह दरगाह के पीछे है और काफी पुरानी है।
गौरतलब है कि मुंबई और आसपास के इलाकों में रुक-रुक कर हो रही बारिश अब जानलेवा साबित होने लगी है। पुणे और मुंबई समेत राज्य के अलग-अलग इलाकों में वर्षा जनित हादसों में कुल 30 लोगों की मौत हो चुकी है।
पुणे में दीवार गिरने से 15 की मौत
मुंबई में मानसून के आते ही लगातार ऐसी घटनायें हो रहीं हैं। कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के पुणे में बारिश के कारण इमारत की दीवार गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई थी। यह दर्दनाक हादसा पुणे के कोंढवा में हुआ था। इस हादसे में कई लोग घायल भी हुए थे।
मलाड़ में दीवार गिरने से 18 की मौत
मुंबई के मलाड़ इलाके में कुरार गांव में एक पहाड़ी ढलाव पर बनी झोपडिय़ों पर भरभराकर एक दीवार गिर गई थी। इसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। घटना के वक्त दीवार के किनारे झोपड़ियों में परिवार सो रहे थे।