Mukesh Ambani Bomb Scare Case: जानें NIA की अब तक की जांच में सचिन वझे पर क्या क्या खुलासे
मुकेश अंबानी के घर के निकट विस्फोटक लदी स्कार्पियो कार खड़ी करने के मामले में गिरफ्तार किए पुलिस अधिकारी सचिन वझे पर एनआईए एवं मनसुख की मौत मामले में एटीएस का शिकंजा कसता जा रहा है। इस प्रकरण में सबूत मिटाने की कोशिश उसके लिए मुसीबत बनती जा रही है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुकेश अंबानी के घर के निकट विस्फोटक लदी स्कार्पियो कार खड़ी करने के मामले में गिरफ्तार किए पुलिस अधिकारी सचिन वझे पर एनआईए एवं मनसुख की मौत मामले में एटीएस का शिकंजा कसता जा रहा है। इस प्रकरण में सबूत मिटाने की उसकी कोशिश उसके लिए मुसीबत बनती जा रही है। दूसरी ओर राकांपा नेता शरद पवार ने भी साफ संकेत दे दिए हैं कि अपने पद का दुरुपयोग करनेवाले किसी अधिकारी को उसकी जगह दिखाई ही जानी चाहिए।
एनआईए की अब तक की जांच में सामने आया है कि 25 फरवरी के बाद से गिरफ्तार किए जाने तक सचिन वझे इस मामले में लगातार सबूत मिटाने का प्रयास करता आ रहा था। लेकिन अब एनआईए की पूछताछ में वह स्वयं सारे खुलासे करता जा रहा है। एनआईए ने यह पता लगा लिया है कि जिस स्कार्पियो कार के चोरी होने की प्राथमिकी 18 फरवरी को विक्रोली पुलिस थाने में दर्ज कराई गई थी, वह स्कार्पियो उसके बाद 24 फरवरी तक ठाणे स्थित वझे की सोसायटी साकेत में खड़ी देखी गई। लेकिन वझे ने इसके सबूत मिटाने के लिए अपनी सोसायटी के सीसीटीवी रिकार्ड गायब कर दिए है।
स्कार्पियो के गायब होने की प्राथमिकी वझे के ही कहने पर मनसुख हिरेन ने विक्रोली पुलिस थाने में दर्ज कराई थी। जबकि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी यह एसयूवी सचिन वझे के कब्जे में तब तक रही, जब तक कि मुकेश अंबानी के घर के निकट विस्फोटक के साथ बरामद नहीं हो गई। सूत्रों के अनुसार एनआईए इस मामले में अब तक सात लोगों से पूछताछ कर चुकी है।
जिस रात मुकेश अंबानी के घर के निकट स्कार्पियो खड़ी की गई। सीसीटीवी फुटेज में उसी रात पीपीई किट पहने हुए एक व्यक्ति निकट खड़ी इनोवा कार से निकलकर स्कार्पियो की ओर जाता दिखाई दे रहा है। चूंकि अब उस इनोवा और स्कार्पियो, दोनों की पहचान हो चुकी है। इसलिए अब एनआईए सचिन वझे की चाल-ढाल से उस रात वहां देखे गए पीपीई किट पहने व्यक्ति की चाल-ढाल का मिलान करवा रही है।
एनआईए को शक है कि यह व्यक्ति स्वयं वजे ही हो सकता है। बता दें कि उस रात के बाद से गायब बताई जा रही उक्त इनोवा कार वझे की गिरफ्तारी तक मुंबई पुलिस मुख्यालय में ही खड़ी रही थी। इसका इस्तेमाल क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट के प्रमुख के तौर पर स्वयं सचिन वझे ही करता रहा था। लेकिन अपनी गिरफ्तारी तक उसने इस बात को भी छुपाए रखा। चूंकि अंटीलिया मामले की जांच भी सरकार ने उसे ही सौंप रखी थी, इसलिए उसे भरोसा था कि वह इनोवा का मसला हजम करने में सफल रहेगा।
हालांकि अभी मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत के मामले की जांच मुंबई एटीएस ही कर रही है। लेकिन राज्य सरकार एवं महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल राकांपा के ताजा रुख से स्पष्ट हो गया है कि अब सचिन वझे को मुंबई एटीएस से भी कोई रियायत नहीं मिलनेवाली। इस बात के संकेत आज मुंबई में अजीत पवार एवं दिल्ली में शरद पवार दे चुके हैं। चूंकि महाविकास आघाड़ी सरकार में गृहमंत्रालय राकांपा के पास है। इसलिए अंटीलिया और मनसुख दोनों मामलों में किसी भी तरह की कोताही का ठीकरा राकांपा पर ही फूटेगा। संभवतः इसीलिए दिल्ली निकलने से पहले सोमवार को शरद पवार ने खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलकर उन्हें इस मामले में सचिन का पक्ष न लेने की नसीहत दे दी है।
क्योंकि शिवसेना का रुख शुरू से सचिन वझे के प्रति नरम रहा था। यह भी पता चला है कि मनसुख प्रकरण की जांच एटीएस को सौंपे जाने के बाद सचिन वझे का व्यवहार एटीएस के अधिकारियों के साथ भी अच्छा नहीं रहा था। इसके कारण भी सचिन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि एटीएस द्वारा लिखी गई मनसुख की मौत की प्राथमिकी में मनसुख की पत्नी विमला ने अपने पति की हत्या का शक सचिन वझे पर ही जताया है।