Maharashtra में अनलाक पर यू-टर्न से सामने आई महाविकास आघाड़ी की खींचतान, भाजपा को सरकार पर छींटाकशी का मौका
महाराष्ट्र में कोरोना के कारण चल रहे लाकडाउन को खत्म करने के मुद्दे पर गुरुवार को एक वरिष्ठ मंत्री के बयान के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के यू-टर्न ने महाआघाड़ी सरकार की खींचतान को सामने ला दिया है। इस घटना ने भाजपा को सरकार पर प्रहार का मौका दे दिया है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना के कारण चल रहे लाकडाउन को खत्म करने के मुद्दे पर गुरुवार को एक वरिष्ठ मंत्री के बयान के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के यू-टर्न ने महाआघाड़ी सरकार की खींचतान को सामने ला दिया है। इस घटना ने विपक्षी दल भाजपा को सरकार पर प्रहार का मौका दे दिया है। महाराष्ट्र की शिवसेनानीत महाविकास आघाड़ी सरकार में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब किसी एक ही मुद्दे पर सरकार को चंद घंटों में अपना फैसला वापस लेना पड़ा हो।
कुछ दिनों पहले ही उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के विभागीय कार्यों के प्रचार-प्रसार के लिए इंटरनेट मीडिया क्षेत्र की किसी कंपनी की सेवाएं लेने की अधिसूचना जारी की गई। लेकिन ट्वीटर पर इसकी आलोचना शुरू होते ही खुद अजीत पवार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस निर्णय को पलट दिया। उनका कहना था कि उनकी कंपनी को ऐसी किसी सेवा की आवश्यकता ही नहीं है। इसी प्रकार पिछले वर्ष मुंबई में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुंबई महानगरपालिका के तत्कालीन आयुक्त प्रवीण परदेशी ने कोविड पीड़ित रहे सभी शवों को जलाकर अंतिम संस्कार करने का आदेश जारी किया।
यह आदेश मुंबई में कब्रिस्तानों में जगह की कमी को ध्यान में रखते हुए किया गया था। लेकिन आदेश निकलने के चंद घंटों के अंदर सरकार को यह आदेश वापस लेना पड़ा था। अब कोरोना की दूसरी लहर मद्धिम पड़ती देख जब राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने पांच चरणों में अनलाक की योजना घोषित की, तो कुछ ही देर बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह कहकर उनकी बात काट दी कि अभी ऐसा कोई निर्णय नहीं किया गया है। सिर्फ ऐसा करने पर विचार किया जा रहा है। बता दें कि विजय वडेट्टीवार महाविकास आघाड़ी सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री हैं।
यह खींचतान सामने आने के बाद महाराष्ट्र के विपक्षी दल भाजपा को सरकार पर छींटाकशी का मौका मिल गया है। नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि महाराष्ट्र में यहां अनलाक का मुद्दा हो या कोरोना नियंत्रण समेत कोई और मुद्दा, महाविकास आघाड़ी सरकार में आपसी तालमेल का अभाव है। यहां एक मुख्यमंत्री और पांच सुपर मुख्यमंत्री हैं। आज किसी भी मुद्दे पर मुख्यमंत्री जो फैसला लेते हैं, उसकी घोषणा मुख्यमंत्री से पहले ही पांच-पांच सुपर मुख्यमंत्री कर देते हैं। मुख्यमंत्रियों को अपने मंत्रियों को अनुशासित करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री को यह दिखाने की जरूरत है कि उनका अपने मंत्रियों पर नियंत्रण है।
फडणवीस के अनुसार महाविकास आघाड़ी सरकार के अलग-अलग मंत्रियों में श्रेय लेने की होड़ चल रही है। मुख्यमंत्री की चल ही नहीं रही है। कई मंत्री पहले ही सरकार की नीतिगत घोषणाएं कर देते हैं, फिर कहते हैं कि इस बारे में औपचारिक घोषणा मुख्यमंत्री करेंगे। ऐसा कई मुद्दों पर हो चुका है। वास्तव में बड़े नीतिगत फैसलों पर सरकार का रुख साफ होना चाहिए।