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Maharashtra: कई इलाके हुए जलमग्‍न, NDRF की टीम ने बाढ़ में फंसे 43 लोगों को बचाया

Maharashtra Flood बारिश के कारण महाराष्ट्र के भंडारा शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो चुके हैं NDRF की टीम ने रविवार रात को 43 लोगों को बचाया।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 09:36 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 11:05 AM (IST)
Maharashtra: कई इलाके हुए जलमग्‍न, NDRF की टीम ने बाढ़ में फंसे 43 लोगों को बचाया
Maharashtra: कई इलाके हुए जलमग्‍न, NDRF की टीम ने बाढ़ में फंसे 43 लोगों को बचाया

मुंबई, एएनआइ। अत्‍याधिक बारिश के कारण महाराष्ट्र के कई इलाके जलमग्‍न हो चुके हैं, ऐसे में बाढ़ प्रभावित भंडारा शहर में रविवार रात को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (National Disaster Response Force) की टीम ने पांच बच्चों और एक गर्भवती महिला सहित 43 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्‍थान तक पहुंचाया।

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देश के कई राज्‍यों में लगातार बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने और अन्‍य राहत कार्यो में लगी हुई हैं। बारिश के कारण इलाके जलमग्‍न हो चुके हैं तो कहीं बाढ़ आ गयी है। घरों और खेतों को काफी नुकसान हुआ है। महाराष्ट्र के पूर्व विदर्भ में कई जिलों में बाढ़ आ गयी है। इसमे नागपुर, चंद्रपुर, भंडारा और गढ़चिरौली शामिल है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है। कई रास्ते बंद हो गए हैं। 

नागपुर में गिरा रामटेक पुल 

महाराष्ट्र में नागपुर जिले के रामटेक में रविवार को भारी बारिश के चलते पुल का एक हिस्सा ढह गया। पुल ढह जाने ने आवागमन बाधित हो गया है। इस कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पुल के टूट जाने से ये क्षेत्र इलाकों  से कट गया है। नदी में आयी बाढ़ के कारण भी कई गांव प्रभावित हुए हैं।

स्‍थानीय निवासी महादेव लक्ष्मण शिंदे ने एएनआइ को बताया कि "स्थिति अब गंभीर है, हालांकि, प्रशासन अपनी ओर से हरसंभव मदद कर रहा है। नदी का पानी बहुत गहरा है, प्रशासन ने कल नावों का उपयोग करते हुए कुछ लोगों को बचाया था।"

रामटेक के विधायक आशीष जायसवाल ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि अगर मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र सरकार को बाढ़ की चेतावनी मिली है, उन्होंने कहा अगर ऐसा है तो बाढ़ से बचाव के लिए और अधिक सक्रिय उपाय किए जाने चाहिए थे। विधायक जायसवाल ने बताया कि "मध्य प्रदेश में नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा हुई है इसलिए इसने बांध से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा है बढ़ते जल स्तर ने नदी के पास स्थित गांवों के कई घरों को प्रभावित किया है जिसका असर हजारों लोगों पर पड़ा है। 

उन्होंने कहा, "पुल का निर्माण 2015 और 2018 के बीच किया गया था। यह आदिवासी समुदायों के कई गांवों को जोड़ता था। मैंने इसके टूटेन के पीछे जांच करने के लिए कहा है और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"


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