Coronavirus: महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक मई तक लगाई गई कड़ी पाबंदी
Coronavirus कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच महाराष्ट्र सरकार ने कड़ी पाबंदी लगा दी है जिसे वीरवार रात आठ बजे से लागू किया जाएगा। निजी बसों को 50 फीसद क्षमता के साथ सवारियां ले जाने की अनुमति होगी लेकिन ये बसें शहर में अधिकतम दो स्टाप ही ले सकेंगी।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर की विभीषिका से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पाबंदियों का दायरा और बढ़ा दिया है। लेकिन जैसी कि संभावना व्यक्त की जा रही थी, लॉकडाउन लगाने से कतरा गई है।
मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लगभग सभी मंत्रियों ने सरकार से 15 दिन के लाकडाउन की मांग की थी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि लॉकडाउन का फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर छोड़ दिया गया है। वह बुधवार को आठ बजे के बाद इस संबंध में कोई घोषणा कर सकते हैं। मंगलवार को ही रात 8.45 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए राज्यों को लॉकडाउन जैसा कदम उठाने से बचने की सलाह दी थी। माना जा रहा है कि इसी सलाह पर अमल करते हुए महाराष्ट्र ने लॉकडाउन के बजाय सख्त पाबंदियों का मार्ग चुना है। ये पाबंदियां फिलहाल 22 मार्च को रात आठ बजे से एक मई की सुबह सात बजे तक लागू रहेंगी।
मुख्य सचिव सीताराम कुंटे की ओर से जारी नए निर्देशों में अत्यावश्यक सेवाओं के अलावा अन्य सरकारी कार्यालयों को अब 50 फीसद के बजाय 15 फीसद क्षमता के साथ काम करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन निजी कार्यालयों को अब तक 50 फीसद क्षमता के साथ काम करने की छूट दी गई थी, उन्हें भी 15 फीसद कर्मचारियों के साथ ही काम करने को कहा गया है। उन्हें 15 फीसद व पांच कर्मचारियों में से जो अधिक होगा, वही मानना होगा। यात्रा के लिए जारी नियमों में लोग अपने निजी वाहनों में चालक को छोड़कर क्षमता की आधी सीटों पर सवारियां बैठ सकेंगी। निजी बसों को 50 फीसद क्षमता के साथ सवारियां ले जाने की अनुमति होगी, लेकिन ये बसें शहर में अधिकतम दो स्टाप ही ले सकेंगी। साथ ही, जहां-जहां यात्रियों को उतारेंगी, वहां यात्रियों के हाथ पर 14 दिन क्वारंटाइन रहने की मुहर लगानी होगी।
यदि किसी यात्री के शरीर का तापमान अधिक पाया जाता है, तो उसे कोविड केयर सेंटर या किसी अस्पताल में भेजना होगा। यदि कोई बस आपरेटर इन नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसे 10,000 रुपये दंड भरना होगा। एक जिले से दूसरे जिले या शहर में जाने के लिए आपदा प्रबंधन अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। वैवाहिक समारोह किसी एक ही हाल में सिर्फ 25 लोगों के साथ संपन्न करने होंगे। इससे अधिक व्यक्ति पाए जाने पर आयोजक को 50,000 रुपये दंड भरना पड़ सकता है।