मराठा आरक्षण पर विशेष अधिवेशन बुलाएगी महाराष्ट्र सरकार
पिछले सप्ताह मराठा समाज के उग्र आंदोलन के बाद से ही सरकार इस मसले का हल निकालने का प्रयास कर रही है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के मसले पर विचार के लिए विधानमंडल का विशेष अधिवेशन बुलाएगी। यह घोषणा शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने विधानभवन में आरक्षण के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद की। मुख्यमंत्री ने इसी सप्ताह हुए मराठा आंदोलन के दौरान पकड़े गए लोगों को रियायत देने की घोषणा करते हुए कहा कि जिन पर अत्यंत गंभीर आरोप नहीं हैं, उनके मामले वापस ले लिए जाएंगे।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह मराठा समाज के उग्र आंदोलन के बाद से ही सरकार इस मसले का हल निकालने का प्रयास कर रही है। इसी प्रयास के तहत शनिवार को विधानभवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। बैठक समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडलीय समिति ने शुक्रवार को पिछड़ा वर्ग आयोग से मिलकर समाज की भावनाओं का खयाल रखने का निवेदन किया है।
आयोग अपना काम तेजी से कर रहा है। इसकी रिपोर्ट प्राप्त होते ही सरकार विधानमंडल का विशेष अधिवेशन बुलाएगी जिसमें आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी। कोई त्रुटि रह गई होगी, तो उसे भी दूर करने का प्रयास किया जाएगा। बता दें कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस एमजी गाइकवाड़ की अध्यक्षता में गठित आयोग मराठों के आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ेपन पर एक सर्वे करा रहा है। इसकी रिपोर्ट चार महीने में आएगी।
उच्च न्यायालय द्वारा मराठों को आरक्षण देने की मांग ठुकरा देने के बाद मसला अब सर्वोच्च न्यायालय में है। महाराष्ट्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में मराठों को आरक्षण देने के पक्ष में ठोस तर्क प्रस्तुत करने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है। ताकि आरक्षण देने की अधिकतम तय सीमा निर्धारित होने के बावजूद मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय को राजी किया जा सके।