Lockdown: 47000 प्रवासी श्रमिकों की काउंसलिंग करवा रही महाराष्ट्र सरकार
Lockdown. महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के विभिन्न शिविरों में रह रहे करीब 47000 प्रवासी श्रमिकों की काउंसलिंग भी शुरू कर दी है।
मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Lockdown. एक ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने की घोषणा ने मुंबई में रह रहे उत्तर प्रदेश मूल के लोगों में उम्मीद की किरण जगा दी है, तो दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के विभिन्न शिविरों में रह रहे करीब 47000 प्रवासी श्रमिकों की काउंसलिंग भी शुरू कर दी है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के अनुसार, श्रमिकों पर काउंसलिंग के अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को घोषणा की कि उत्तर प्रदेश के ऐसे श्रमिक, कामगार तथा मजदूर भाई-बहन जो अन्य राज्यों में रह रहे हैं, और 14 दिन की क्वारंटाइन अवधि पूरी कर चुके हैं, हम उन्हें वापस उनके घर पहुंचाएंगे। योगी के अनुसार, ऐसे लोगों की राज्यवार सूची तैयार करने सहित चरणबद्ध कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी के ट्वीट से मिले इस संदेश के बाद मुंबई में रह रहे उत्तर प्रदेश के प्रवासियों ने राहत की सांस ली है और लोग योगी के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के प्रवासियों के बीच काम करने वाली संस्था उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट फोरम ने कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मुंबई में रह रहे प्रवासियों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए इन्हें उनके घर भेजने की मांग की थी। प्रवासी स्वयं भी मुंबई में नियुक्त उत्तर प्रदेश के नोडल अधिकारी बिमलेश कुमार औदीच्य पर लगातार गांव भेजने का दबाव बना रहे थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी रेलमंत्री पीयुष गोयल एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह मांग कर चुके थे। अब योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई इस घोषणा ने प्रवासियों में उम्मीद का संचार कर दिया है।
साथ ही, राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर प्रवासियों की काउंसिलिंग भी शुरू करवा दी है। कोरोना पर नियंत्रण के लिए लॉकडाउन घोषित होने के बाद राज्य के, और दूसरे राज्यों के करीब 47000 श्रमिक घर से दूर आर्थिक तंगी में जीवन गुजारने को मजबूर हो रहे हैं। इसके कारण उन्हें कई प्रकार की मानसिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसलिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इन श्रमिकों की काउंसिलिंग कराने का निर्णय किया है।
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के अनुसार राज्य में 30 काउंसिलर, 28 मनोरोग विशेषज्ञ तथा 36 मनोरोग नर्सों के जरिए यह काम किया जा रहा है। काउंसलिंग के दौरान आसान भाषा में कोरोना के बारे में जानकारी दी जाती है। इस बीमारी के दौरान ध्यान रखने योग्य महत्त्वपूर्ण बातें, तथा क्या करना है, क्या नहीं करना है, जैसी जानकारियां दी जाती हैं। प्रवासियों पर इन जानकारियों का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। काउंसिलिंग के दौरान जिन प्रवासी श्रमिकों में मध्यम से लेकर गंभीर स्वरूप के मनोविकार पाए जा रहे हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कर उनका योग्य इलाज भी किया जा रहा है।