Coronavirus: मुंबई-पुणे को विकट परिस्थितियों के लिए तैयार करने में जुटी महाराष्ट्र सरकार
Coronavirus. महाराष्ट्र में मंगलवार रात तक कोरोना संक्रमण के कुल 15525 मरीज पाए जा चुके हैं। इनमें 617 की मौत हो चुकी है। राज्य में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मुंबई में हैं।
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। Coronavirus. कोविड-19 की दृष्टि से देश के सबसे बड़े रेड जोन बन चुके मुंबई और पुणे को अति विकट परिस्थितियों के लिए तैयार किया जाने लगा है। यहां निरंतर बढ़ती कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने और अधिक अस्पतालों, आइसीयू सुविधा एवं आइसोलेशन बेड के इंतजाम शुरू कर दिए हैं।
महाराष्ट्र में मंगलवार रात तक कोरोना संक्रमण के कुल 15,525 मरीज पाए जा चुके हैं। इनमें 617 की मौत हो चुकी है। राज्य में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मुंबई में हैं। देश की आíथक राजधानी में मंगलवार तक संक्रमितों की संख्या 9,945 एवं मरने वालों की संख्या 387 थी। राज्य के 85 फीसद मामले मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ में सामने आ रहे हैं। मरीजों की इस बढ़ती संख्या ने राज्य सरकार को सोचने पर विवश कर दिया है। वह मुंबई व पुणे में ज्यादा मरीजों के इलाज की व्यवस्था में जुट गई है। एक दिन पहले ही आइटी सेक्टर की बड़ी कंपनियों में से एक विप्रो ने पुणे के हिंजेवाड़ी स्थित अपना परिसर सरकार को सौंप दिया है। एक समझौते के तहत यह परिसर एक साल तक राज्य सरकार के पास रहेगा, जहां वह 450 बेड का एक अस्पताल तैयार करेगी। सूत्रों के अनुसार यह अस्पताल अगले चार सप्ताह में तैयार कर लिया जाएगा।
इसी प्रकार मुंबई में भी राज्य सरकार अधिक मरीजों को रखने की सुविधाएं तैयार करने में जुट गई है। बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स (बीकेसी) में वुहान की तर्ज पर 1,000 बेड वाला अस्पताल तैयार किया जा रहा है। बुधवार को ही राज्य सरकार ने रेलवे, सेना एवं पोर्ट ट्रस्ट जैसे केंद्र सरकार के संस्थानों से उनके अस्पतालों की आइसीयू सुविधाएं राज्य सरकार को सौंपने का आग्रह किया है। बता दें कि चीन में कोरोना संक्रमण जब चरम पर था तब देश के वुहान शहर में चंद दिनों के अंदर 1,000 बेड वाला एक अस्थायी अस्पताल तैयार कर दिया गया था।
मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स में एमएमआरडीए द्वारा बनाए जा रहे अस्थायी अस्पताल का दौरा करने के बाद राज्य के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्विटर कर कहा था कि कुछ ही दिनों में यह अस्थायी अस्पताल तैयार हो जाएगा। एमएमआरडीए आयुक्त आरए राजीव के अनुसार, जरूरत पड़ने पर इस अस्पताल की क्षमता को 5,000 बेड तक किया जा सकता है। मुंबई में सरकार बीकेसी के अलावा भी रोगियों को रखने का इंतजाम या तो कर चुकी है या कर रही है। विशाल महालक्ष्मी रेसकोर्स, नेहरू तारांगण, नेहरू साइंस सेंटर, गोरेगांव एक्जीबिशन सेंटर आदि स्थानों पर आइसोलेशन एवं आइसीयू सुविधाओं का इंतजाम किया जा रहा है।
मुंबई में पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन 400 से 600 के बीच नए कोरोना रोगी सामने आ रहे हैं। इनमें से सामान्य लक्षण वाले रोगियों को बीकेसी जैसे अस्थायी अस्पतालों तथा गंभीर रोगियों को पहले से उपलब्ध संस्थागत अस्पतालों की आइसीयू में रखने की योजना है। मुंबई में पहले से कोविड-19 रोगियों की सेवा में कई अस्पताल लगे हैं। कस्तूरबा गांधी अस्पताल के अलावा बीवाइएल नायर अस्पताल, केईएम अस्पताल, सेंट जॉर्ज एवं सेवन हिल्स अस्पतालों में भी रोगियों के लिए बिस्तरों की संख्या 3,000 से बढ़ाकर 4,750 की जा चुकी है। भविष्य की आशंकाओं को देखते हुए मुंबई महानगरपालिका ने 60,000 से 70,000 के बीच आइसोलेशन बेड्स तैयार करने का लक्ष्य रखा है।