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महाराष्ट्र सरकार ने घोषित किया 11,500 करोड़ का बाढ़ राहत पैकेज, ग्रामीण-शहरी दोनों क्षेत्रों को मिलेगा लाभ

Maharashtra Flood महाराष्ट्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 11500 करोड़ रुपयों के राहत पैकेज की घोषणा की है बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को 10 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। इन घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को नौ लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 07:50 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 07:50 AM (IST)
महाराष्ट्र सरकार ने घोषित किया 11,500 करोड़ का बाढ़ राहत पैकेज, ग्रामीण-शहरी दोनों क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 11,500 करोड़ रुपयों के राहत पैकेज की घोषणा

मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 11,500 करोड़ रुपयों के राहत पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज का लाभ ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा। साथ ही कुछ राशि बाढ़ से बर्बाद हुए आधारभूत ढांचे पर भी खर्च की जाएगी।

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राज्य मंत्रिमंडल में लिए गए फैसले के अनुसार बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार को 10 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी सीधे उसके खाते में दी जाएगी। बाढ़ में ढहे मकानों की मरम्मत के लिए नुकसान का ध्यान रखते हुए 15 हजार से डेढ़ लाख रुपए तक की राशि लोगों को दी जाएगी। इसी प्रकार बाढ़ से प्रभावित सभी दुकानदारों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। ग्रामीण सड़कों, पुराने पुलों, स्कूलों एवं अन्य सरकारी बुनियादी ढांचों की मरम्मत पर 2500 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। बाढ़ एवं भूस्खलन में मारे गए लोगों के लिए राज्य एवं केंद्र सरकारें पहले ही कुछ आर्थिक मदद घोषित कर चुकी हैं।

अब इन घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को कुल नौ लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसमें चार लाख रुपए राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन कोष से, दो लाख रुपए प्रधानमंत्री राहत कोष से, एक लाख मुख्यमंत्री कार्यालय से, एवं किसानों के लिए दो लाख रुपए अलग से राज्य सरकार की ओर से दिए जाएंगे। बता दें कि महाराष्ट्र के कोंकण एवं पश्चिम महाराष्ट्र के आठ जिलों में 22 जुलाई से शुरू हुई मूसलाधार बरसात के कारण भीषण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी।

करोड़ों की संपत्ति का हुआ नुकसान

भूस्खलन एवं बाढ़ में करीब 225 लोग मारे गए एवं करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। रत्नागिरि जिले का चिपलूण शहर एवं पश्चिम महाराष्ट्र के कोल्हापुर-सांगली शहरों के बड़े हिस्से कई दिनों तक जलमग्न रहे थे। इन जिलों में बचाव के लिए सेना की मदद लेनी पड़ी थी। रायगढ़ में भूस्खलन के कारण एक पूरा गांव पहाड़ों के मलबे में दब गया। कई गांवों में भूस्खलन का खतरा अभी भी बना हुआ है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अनुसार इन गांवों में ऐसा ढांचा खड़ा करने की जरूरत है, जिससे इन्हें भविष्य में भूस्खलन से बचाया जा सके। बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा महाराष्ट्र के किसानों के लिए 700 करोड़ का राहत पैकेज पहले ही घोषित किया जा चुका है।


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