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Kulbhushan Jadhav: आखिर क्यों मुंबईवासियों को है जाधव पर ICJ के फैसले का बेसब्री से इंतजार

महाराष्ट्र से कुलभूषण जाधव का पुराना रिश्ता है इसलिए मुंबईवासियाें का उनसे लगाव होना लाजमी है।जाधव के लिए हर मुंबर्इ्रवासी उनकी जल्‍द रिहाई की प्रार्थना कर रहा है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 10:42 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 10:49 AM (IST)
Kulbhushan Jadhav: आखिर क्यों मुंबईवासियों को है जाधव पर ICJ के फैसले का बेसब्री से इंतजार
Kulbhushan Jadhav: आखिर क्यों मुंबईवासियों को है जाधव पर ICJ के फैसले का बेसब्री से इंतजार

मुंबई, एएनआइ। पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे मुंबईकर कुलभूषण जाधव पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का मुंबईवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर आज इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस अपना फैसला सुनाएगा। नीदरलैंड के हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) आज पाकिस्तान की जेल में जासूसी के आरोपों की सजा काट रहे भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले पर अपना फैसला सुनाने वाली है। ज्ञात हो कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जाधव मामले की सुनवाई के लिए कई कानूनी विशेषज्ञ वहां पर पहुंचे हैं। 

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जाधव के पक्ष में निर्णय के इंतजार में, मुंबई के अंधेरी पूर्व के अपमार्केट पवई क्षेत्र में भी काफी हलचल है, यहां पूर्व नौसेना कमांडर  कुलभूषण जाधव का फ्लैट है। हालांकि, पाकिस्तानी सेना द्वारा जाधव को मौत की सजा देने की खबर आने के बाद पिछले दो साल से यह फ्लैट बंद पड़ा है। बता दें कि 49 वर्षीय जाधव का जन्म महाराष्ट्र के सांगली जिले में हुआ था और उन्होंने अपना बचपन दक्षिण मुंबई के एन एम जोशी मार्ग में परिवार के साथ बिताया और बाद में पवई चले गए।

जाधव 2003 में वे सेवा से रिटायर हो गए थे। 1987 में कुलभूषण एनडीए का हिस्सा बने थे। 1991 में नौसेना में आए। रिटायर होने के बाद वे ईरान में पोर्ट बिजनेस करने लगे थे। उन्हें बलूचिस्तान से छदम नाम से पकड़ा गया। बताया जाता है कि 2003 में उन्होंने छदम नाम से पासपोर्ट हासिल किया था। महाराष्ट्र के सांगली में जन्मे कुलभूषण पर पाकिस्तान में जासूसी करने का आरोप है। उनके पिता सुधीर और चाचा सुभाष दोनों मुंबई में सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त हैं।

मुंबई में रहने वाले उनके पड़ोसी और शुभचिंतक उनके जल्द से जल्द घर लौटने की प्रार्थना कर रहे हैं। 'सब कुछ सकारात्मक होगा' की कल्पना करते हुए, चांडीवली कांग्रेस के विधायक और विधानसभा में उप-सदन के नेता नसीम खान को लगता है कि जाधव का चार साल का लंबा कार्यकाल आईसीजे के फैसले के बाद खत्म हो जाना चाहिए।

क्या है मामला

पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जाधव को आतंकवाद और जासूसी के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद भारत ने उन्हें बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का रुख किया था। कोर्ट में भारत की तरफ से कुलभूषण जाधव की पैरवी मशहूर वकील हरीश साल्वे ने की है। वहीं दूसरी तरफ इस मामले में पाकिस्तान की तरफ से खवर कुरैशी ने अपना पक्ष रखा है। जहां तक इस मामले में फैसले की बात है तो पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कह चुके हैं कि इस फैसले का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है। हालांकि पाकिस्तान ने अब तक ये भी नहीं कहा है कि यदि कोर्ट का फैसला भारत के हक में होता है तो वह उसको मानेगा। वह इस मामले में पहले कह चुका है कि आईसीजे का इसमें कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह मामला पाकिस्तान की सुरक्षा और उसकी जासूसी से जुड़ा है।


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