Coronavirus: महाराष्ट्र में कोरोना के 63729 नए मामले और 398 मौतें, जानें-किस जिले में कितने मामले
Coronavirus महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना के 63729 नए मामले सामने आए 45335 डिस्चार्ज हुए और 398 मौतें हुईं हैं। प्रदेश में कुल मामले 3703584 हैं। कुल 3004391 रिकवर हुए। कोरोना से 59551 की मौत हुई है। सक्रिय मामले 638034 हैं।
मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना के 63729 नए मामले सामने आए, 45335 डिस्चार्ज हुए और 398 मौतें हुईं हैं। प्रदेश में कुल मामले 37,03,584 हैं। कुल 30,04,391 रिकवर हुए। कोरोना से 59,551 की मौत हुई है। सक्रिय मामले 6,38,034 हैं। इस बीच, मुंबई में 8839 नए मामले सामने आए, 9033 डिस्चार्ज हुए और 53 मौतें हुईं हैं। कुल मामले 5,61,998 हैं। कुल 4,63,344 डिस्चार्ज हुए। कोरोना से कुल 12,242 मौतें हुईं हैं। सक्रिय मामले 85,226 हैं। वहीं, नागपुर में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 6194 नए मामले सामने आए और 75 मौतें हुईं हैं। इस दौरान 5894 रिकवर हुए। कुल मामले 3,09,043 हैं। कुल 2,38,599 रिकवर हुए। सक्रिय मामले 64,335 हैं। कोरोना से अब तक 6109 की मौत हुई है। पुणे में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 10963 नए मामले सामने आए, 109 लोगों की मौत हुई और 10,282 रिकवर हुए। सक्रिय मामले 99,431 हैं। कुल मामले 6,96,933 हैं। कुल 5,86,459 रिकवर हुए।
कोरोना से 11,212 की मौत हुई है।
महाराष्ट्र की जेलों में संक्रमण बढ़ने पर बांबे हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
बांबे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र की जेलों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने का शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। हाई कोर्ट ने सरकार से बताने को कहा है कि अब तक कितने कैदी और जेल कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। जस्टिस नितिन जामदार और सीवी भाडंग की अवकाशकालीन पीठ ने सरकार से पूछा है कि जेलों में संक्रमण रोकने के लिए वह कौन सा उपाय कर रही है और क्या करने वाली है? अदालत ने इस सिलसिले में सरकार से विस्तृत विवरण देने को कहा है। हाई कोर्ट ने अखबारों की हालिया रिपोर्टो का हवाला देते हुए अपने आदेश में कहा, 14 अप्रैल तक राज्य की 47 जेलों में 200 कैदी कोरोना संक्रमित थे। एक महीने के भीतर संक्रमित कैदियों की संख्या 42 से 200 तक पहुंच गई। इसके अलावा 86 कैदी भी संक्रमित हैं। राज्य सरकार की ओर से अदालत में पेश एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि पिछले साल जुलाई में हाई कोर्ट की एक अन्य पीठ ने कैदियों के संक्रमित होने के मामले में सुनवाई की थी। उस समय अदालत ने कई दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। राज्य सरकार को इस बार भी उन्हीं दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि मामले में अदालती दखल की जरूरत है।
हाई कोर्ट ने आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट तुरंत देने को कहा
बांबे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने कहा है कि प्रयोगशालाओं को आरटी-पीसीआर रिपोर्ट लोगों को तुरंत वाट्सएप के जरिये या हार्ड कापी के रूप में दे देना चाहिए। अदालत ने एक डॉक्टर मुकेश चांडक की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। चांडक ने अपनी याचिका में कहा था कि लोगों को अपनी रिपोर्ट हासिल करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जब तक जांच रिपोर्ट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के पोर्टल पर अपलोड नहीं हो जाती है, तब तक जांच केंद्र इसे लोगों के साथ साझा नहीं करते हैं। कई बार आइसीएमआर का सर्वर काफी धीमा होता है, जिसके चलते लोगों को रिपोर्ट हासिल करने में परेशानी होती है। इस पर जस्टिस जेडए हक और एबी बोरकर की पीठ ने कहा, हम निर्देश देते हैं कि वाट्सएप के माध्यम से रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। संक्रमित लोगों की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर आइसीएमआर के पोर्टल पर अपलोड की जाए। जो लोग संक्रमित नहीं हैं, उनकी रिपोर्ट सात दिनों के भीतर अपलोड की जानी चाहिए।