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Cyclone Nisarga: उद्धव ने नागरिकों से अगले दो दिनों तक घर के अंदर रहने की अपील की

Cyclone Nisarga महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने तूफान निसर्ग के कारण नागरिकों से अगले दो दिनों तक घर के अंदर रहने की अपील की है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 08:42 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 02:03 AM (IST)
Cyclone Nisarga: उद्धव ने नागरिकों से अगले दो दिनों तक घर के अंदर रहने की अपील की
Cyclone Nisarga: उद्धव ने नागरिकों से अगले दो दिनों तक घर के अंदर रहने की अपील की

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Cyclone Nisarga: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को तूफान निसर्ग के कारण नागरिकों से अगले दो दिनों तक घर के अंदर रहने की अपील की है। 

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कोरोना महामारी के कारण पहले से कराह रही देश की आर्थिक राजधानी मुंबई सहित संपूर्ण तटवर्ती महाराष्ट्र अब तूफान निसर्ग से निपटने की तैयारी कर रही है। सरकार अपनी तैयारियां जोर-शोर से कर रही है। इसके बावजूद लोगों के मन में तूफान को लेकर दहशत है। यह दहशत इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि मुंबईवासियों की याद में अब तक कभी उन्हें ऐसे तूफान का सामना नहीं करना पड़ा है।

मुंबई भीषण बरसात की आदी रही है। ऐसी बरसात के कारण हर साल तीन-चार दिन मुंबई का थम जाना आम बात है। इसकी तैयारी प्रशासन की भी रहती है, और लोगों की भी, लेकिन पिछले करीब ढाई माह से लॉकडाउन में चल रही मुंबई को अब अचानक ऐसे चक्रवाती तूफान के लिए तैयार होना पड़ रहा है। मुंबई में हर साल पहली बार होने वाली भारी बारिश जलभराव का कारण बनती है। इस बार तो कोरोना संकट के कारण नालों की सफाई भी ठीक से नहीं हो पाई है। ऊपर से चक्रवाती बरसात। ऐसे में यदि लगातार बारिश हुई तो मुंबई के कई इलाकों को जलप्लावन की स्थिति से गुजरना पड़ सकता है।

कोरोना संकट के दौरान तूफान की आहट ने प्रशासन की दिक्कत भी काफी बढ़ा दी है। मुंबई, ठाणे, पालघर, नई मुंबई एवं रायगढ़ क्षेत्रों में प्रतिदिन बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं। इन्हें रखने के लिए ही बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में 1000 बिस्तरों वाले एक अस्थायी अस्पताल की व्यवस्था की गई थी। तंबू-कनात से बने इस अस्पताल को मरीजों से खाली करा लिया गया है। वर्सोवा स्थित होमगार्ड मैदान पर अन्य राज्यों के प्रवासियों के लिए आश्रय स्थल का निर्माण किया गया था। इसे भी खाली करा लिया गया है। कुछ स्टेडियमों में अस्थायी क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए थे। वहां से भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।

प्रशासन की समस्या नागरिकों की सुरक्षा से आगे की भी है। हमेशा शांत रहने वाले अरब सागर के किनारे बसे मुंबई महानगर एवं इसके आसपास केंद्र सरकार के कई महत्त्वपूर्ण प्रतिष्ठान हैं। इनमें समुद्र के किनारे बने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क), तारापुर परमाणु संयंत्र सहित कई रिफाइनरियां एवं रक्षा प्रतिष्ठान हैं। प्रशासन इनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। एनडीआरएफ की नौ टीमें सोमवार से ही राज्य के तटवर्ती जिलों में मोर्चा संभाल चुकी हैं। नौसेना एवं कोस्टगार्ड भी अपनी तैयारियां कर चुके हैं। मुंबई के सभी तटों पर मंगलवार शाम से ही धारा 144 लगा दी गई है।

बीएमसी के जनसंपर्क अधिकारी राम दुतोंडे के अनुसार मुंबई के सभी छह बीचों पर दो शिफ्टों में 93 लाइफ गार्ड्स को तैनात कर दिया गया है। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए 63 फायर इंजन तैयार रखे गए हैं, जिनका उपयोग आपातकाल के दौरान कई तरह के कार्यों में किया जा सकता है। बाढ़ बचाव दल के भी पांच दस्तों को तैयार रखा गया है। समुद्र में गए मछुआरों को कल से ही वापस आने एवं समुद्र में न जाने की चेतावनी दी जा रही है। तूफान निसर्ग बुधवार को दोपहर तक मुंबई के निकटवर्ती पर्यटन स्थल अलीबाग से टकरा सकता है। उस समय भारी बारिश के साथ हवा की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक रह सकती है। उम्मीद की जा रही है कि गोवा की तरफ से महाराष्ट्र में प्रवेश करने वाला तूफान निसर्ग पालघर होते हुए गुजरात की ओर निकल जाएगा।


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