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कोरोना मरीजों से अधिक राशि वसूलना पड़ा महंगा, KDMC ने अस्‍पतालों पर की कड़ी कार्रवाई

Kalyan Dombivli Municipal Corporation कोरोना संक्रमित मरीजों को अधिक पैसा वसूलने के मामले में महाराष्ट्र के कल्याण डोंबिवली नगर निगम ने प्राइवेट अस्‍पतालों पर की कड़ी कार्रवाई।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 12:48 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 12:48 PM (IST)
कोरोना मरीजों से अधिक राशि वसूलना पड़ा महंगा, KDMC ने अस्‍पतालों पर की कड़ी कार्रवाई
कोरोना मरीजों से अधिक राशि वसूलना पड़ा महंगा, KDMC ने अस्‍पतालों पर की कड़ी कार्रवाई

ठाणे, पीटीआइ। महाराष्ट्र के कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) ने प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों से इलाज के लिय वसूली गयी अधिक राशि का करीब 51 प्रतिशत हिस्सा संबंधित मरीजों को वापस कर दिया है। नगर निकाय द़वारा बुधवार को मिली जानकारी के अनुसार अधिक शुल्क वसूले जाने के मामले में मिली शिकायतों के बाद केडीएमसी आयुक्त डॉक्टर विजय सूर्यवंशी ने निकाय क्षेत्र के दायरे में कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे सभी अस्पतालों का ऑडिट करवाने का आदेश दिया था।

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 ऑडिट में पाया गया कि कल्याण और डोंबिवली क्षेत्रों के 15 अस्पतालों में इलाज के लिए आये मरीजों से 31.45 लाख रुपए ज्यादा वसूले गए हैं। केडीएमसी ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से निगम ने इन अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। अब तक इनसे 16.15 लाख रुपए वसूल करके संबंधित मरीजों को लौटाये जा चुके हैं।

 नगर निगम ने ये भी बताया कि उसने कल्याण में एक अस्पताल को 80 प्रतिशत बेड मरीजों के लिए आरक्षित करने के निर्देश का उल्लंघन करने के संबंध में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। नगर निकाय ने निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों के प्रति  कड़ी कार्रवाई की चेतावनी जारी की और कहा कि उनका लाइसेंस भी रद हो सकता है।   

गौरतलब है कि पिछले  दिनों निगम आयुक्त विजय सूर्यवंशी ने इन निजी अस्‍पतालों के लिए आदेश जारी कर कहा था कि बच्चों के गहन चिकित्सा इकाई और डायलिसिस वार्ड के बिस्तरों को कोविड के मामलों से मुक्त रखा गया है। आदेश में कहा गया है कि निगम के दायरे में आने वाले निजी अस्पतालों को कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों को भर्ती कर आरक्षित बिस्तरों पर उनका इलाज करना होगा और इसके लिये तय शुल्क ही वसूला जाये। इस आदेश में ये भी कहा गया था कि अस्पतालों को उनके प्रवेश द्वार पर विस्तृत जानकारी प्रदर्शित करनी होगी  जिसमें बिस्तरों की उपलब्धता, इलाज के खर्च का ब्योरा होना चाहिये। अधिकारी ने ये भी कहा था कि उन अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी जो कोविड-19 का इलाज करने से इंकार करते हैं अथवा इसके लिये अधिक पैसा वसूल रहे हैं।


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